पूर्वोत्तर राज्यों के गरीबों के लिए महत्वांकाक्षी कार्यक्रम
अगरतला, 17 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों से गरीबी उन्मूलन के साथ सरकार वहां के 79 लाख लोगों को बेहतर जीवन मुहैया कराने के लिए चौदह सूत्री कार्य योजना के तहत शुरुआत करने को कृतसंकल्प दिखाई दे रही है।
अगरतला, 17 मई (आईएएनएस)। केंद्र सरकार पूर्वोत्तर राज्यों से गरीबी उन्मूलन के साथ सरकार वहां के 79 लाख लोगों को बेहतर जीवन मुहैया कराने के लिए चौदह सूत्री कार्य योजना के तहत शुरुआत करने को कृतसंकल्प दिखाई दे रही है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र की योजना समिति संस्था पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) द्वारा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम का अनुमोदन किया गया है। एनईसी योजना समिति की बैठक में सोमवार और मंगलवार को आठ राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और राज्यपाल शामिल हुए थे।
पूर्वोत्तर क्षेत्रों के केंद्रीय विकास मंत्री मणि शंकर अय्यर ने कहा, "योजना आयोग के अनुमान के अनुसार पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आर्थिक गरीबी 19.1 फीसदी है जबकि देशभर में गरीबी का 27.5 है। औसत अनुमान के अनुसार इन क्षेत्रों में अन्य राज्यों की अपेक्षा गरीबी का प्रतिशत कम है।"
एनईसी के अध्यक्ष अय्यर ने आईएएनएस को बताया, "गरीबी अधिकांशत: ग्रामीण क्षेत्रों में है। असम में भारी बारिश और त्रिपुरा में वन क्षेत्र भी इसके कारण हैं।"
उन्होंने कहा कि एनईसी की रिपोर्ट के अनुसार समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में चार करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन जी रहे हैं। इन क्षेत्रों में कृषि के विकास के लिए आधुनिक पद्धति अपनाए जाने की जरूरत है जिससे लोगों का जीवनस्तर सुधर सके।
एनईसी की रिपोर्ट के अनुसार मेघालय में 18.5 फीसदी लोग, मणिपुर में 17.3 फीसदी, नागालैंड में 19 फीसदी लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। वहीं अरुणाचल प्रदेश में 17.6 फीसदी, मिजोरम 12.6 और सिक्किम में 20.1 फीसदी लोग गरीब रेखा के नीचे हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 सूत्री कार्य योजना में गरीबी हटाने के साथ-साथ भूमि सुधार और वितरण, भूमि के रिकॉर्ड और उनका कम्प्यूटरीकरण, केंद्र सरकार की मदद से जरूरी संसाधनों की उपलब्धता और एनईसी की ओर से अन्य जरूरी सहायता प्रदान की जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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