तिब्बतियों की दिल्ली से बोधगया तक की पद यात्रा सारनाथ पहुंची
वाराणसी, 17 मई (आईएएनएस)। तिब्बत की आजादी और वहां चीन द्वारा लोगों पर किए जाने वाले अत्याचार को रोकने के लिए दिल्ली से बोधगया तक जाने वाली तिब्बतियों की पैदल यात्रा शुक्रवार को वाराणसी पहुंची।
इस पैदल यात्रा में कुल 137 सदस्य दिल्ली से चले थे लेकिन रास्ते में सात सदस्यों की तबीयत खराब हो जाने की वजह से 130 सदस्यों का ही दल सारनाथ पहुंचा। इन आजादी के परवानों के साथ पुलिस गस्ती दल और एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है । तिब्बती युवा कांग्रेस के नेतृत्व में शुरु हुई इस यात्रा को दिल्ली से वाराणसी तक की दूरी तय करने में 37 दिन लगे।
इस यात्रा में शरीक तिब्बत युवा कांग्रेस के संयुक्त सचिव तेनजिन नोरसंग ने बताया कि दिल्ली से गया तक का पैदल मार्च तिब्बत की आजादी तथा तिब्बत में हो रहे अत्याचार को रोकने सहित छ: मांगों को लेकर तो है ही साथ ही इस पैदल मार्च का मकसद यह भी है कि भारत की जनता और भारत सरकार तिब्बतियों के साथ होने वाले अत्याचार की तरफ ध्यान दें तथा चीनी सरकार पर इसे रोकने के लिए उस पर दबाव डाले क्योंकि तिब्बत और तिब्बती जनता को भारत और भारतीय जनता से काफी उम्मीदें हैं।
सोनम दोरजे जो पूरे रास्ते की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं ने बताया कि भारत तिब्बत के बीच मैत्री गौतम बुद्ध के जमाने से ही है जिसे हम लोग इस पैदल यात्रा के माध्यम से याद दिलाना चाहते हैं। दोरजे ने यह भी कहा कि तिब्बत के मामले को लेकर भारत की पूर्ववर्ती सरकारों ने विशेष ध्यान दिया है और वर्तमान सरकार का भी नजरिया ऐसा ही होने की हमें आशा है।
बौद्ध भिक्षुओं के इस दल में पांच महिलाएं भी शामिल हैं जो अपने देश की आजादी के लिए पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। पूरे उत्साह के साथ यह दल जब सारनाथ पहुंचा तो इनका स्वागत सारनाथ के भिक्षुओं ने मालाएं पहनाकर किया । यह दल बोधगया के लिए सारनाथ से 19 मई को रवाना होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
**