कोलकाता नहीं तो अगरतला जाऊंगी: तस्लीमा
नसरीन ने अगरतला के बंगाली समाचार पत्र 'अजकर फरियाद' को स्वीडन से टेलीफोन पर बताया, "बंगाली बहुल क्षेत्र से बाहर रहना मेरे लिए जीवित दफनाए जाने के बराबर है। जितना जल्दी संभव हो सके मैं कोलकाता लौटना चाहती हूं।"
नसरीन 19 मार्च को यूरोप चली गईं थी। वह नई दिल्ली में कड़ी सुरक्षा के बीच रहने के लिए मजबूर थीं।
उन्होंने कहा, "कोलकाता छोड़ने के बाद मेरा लेखन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। यदि मैं कोलकाता नहीं जा सकी तो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला जाऊंगी ताकि लेखन जारी रख संकू।"
समाचार पत्र के मुताबिक नसरीन स्वीडन, अमेरिका और जर्मनी में निर्वासित जीवन से दुखी हैं। नसरीन ने कहा कि वह इस दौरान अवसाद में हैं और पूरी गंभीरता से भारत लौटने का प्रयास कर रही हैं।
गौरतलब है कि स्वीडन में रहने की उनकी मौजूदा अवधि अगस्त में खत्म हो रही है।
नसरीन का कहना है कि स्वीडन में वह लोगों से घिरी रहती हैं। हांलाकि उनके प्रसंशक और मित्र उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, फिर भी वह अकेलापन महसूस करती हैं और जितना जल्दी हो सके कोलकाता लौटना चाहती हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।