क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

महंगाई पर चिदंबरम ने भी चिंता जताई (लीड)

By Staff
Google Oneindia News

नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। महंगाई में वृद्धि को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने चिंता जाहिर की है, लेकिन लोगों को विश्वास दिलाया है कि सरकार इसे काबू में करने के लिए सभी संभव उपाय करेगी।

चिदंबरम ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण के लिए और प्रशासनिक कदम उठाने पर विचार कर रही है। उन्होंने बढ़ती महंगाई को लेकर नागरिकों से संयम बरतने की अपील की और उन्हें विश्वास दिलाया कि विभिन्न मौद्रिक, व्यापारिक व आर्थिक उपायों के रंग में आते ही कीमतों में गिरावट शुरू हो जाएगी। चिदंबरम ने आशा जताई है कि इस्पात व सीमेंट की कीमतों में कटौती के असरकारी होते ही महंगाई दर में कमी आएगी।

वित्तमंत्री ने हालांकि फिर से घरेलू कीमतों में बढ़ोतरी के लिए वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी को जिम्मेदार बताया है। उधर, बाजार विशेषज्ञ मान कर चल रहे हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक महंगाई पर नियंत्रण के लिए और मौद्रिक उपायों की घोषणा कर सकती है। इससे पहले 29 अप्रैल को पेश नई मौद्रिक नीति में बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात को बढ़कार 8 से 8.25 फीसदी कर दिया था। संभावित उपायों में रेपो व रिवर्स रेपो दर में बढ़ोतरी शामिल है।

औद्योगिक उत्पादन में कमी व महंगाई में तेजी को लेकर विदेशी वाणिज्यिक कर्ज यानी ईसीबी (एक्सटर्नल कमर्शियल बारोईंग) में भी विशेषज्ञ बदलाव की संभावना जता रहे हैं। मौजूदा सप्ताह के दौरान ही ईसीबी के मामले में वार्षिक समीक्षा पेश की जानी है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई ) के मुख्य सलाहकार वी. रघुरमन ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि विभिन्न सरकारी उपायों के फलीभूत होते ही महंगाई दर गिरकर 6 फीसदी तक आ सकती है।

दूसरी ओर तिरूअनंतपुरम स्थित सेंटर फार डेवलपमेंट स्टडीज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री के. जे. जोसेफ का कहना है कि वैश्विक स्तर पर खाद्यान्न का अपर्याप्त स्टाक कीमतों में भारी तेजी के लिए उत्तरदायी है। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह देश में महंगाई पर नियंत्रण के लिए अन्य प्रशासनिक उपायों को लागू करे, जिसमें जमाखोरों के ऊपर कड़ी कार्रवाई भी शामिल है। जोसेफ ने राज्य सरकारों को भी इस मामले में उचित कार्रवाई करने की सलाह दी।

केंद्रीय सांख्यिकीय ब्यूरो (सीएसओ) से आज जारी थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित आंकड़ों के अनुसार 3 मई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश में महंगाई दर बढ़कर 7.83 फीसदी की ऊंचाई तक पहुंच गई। नवंबर 2004 के बाद महंगाई दरों में यह सर्वाधिक वृद्धि है। गत 26 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान महंगाई दर 7.61 फीसदी थी। ठीक एक साल पहले समान अवधि के दौरान यह दर 5.74 फीसदी थी।

आलोच्य सप्ताह के दौरान खांडसारी, नारियल तेल और आटे की कीमतों में तेजी के मद्देनजर खाद्य और विनिर्मित वस्तुओं के सूचकांक में 0.7 फीसदी की बढ़त देखी गई।

ऊर्जा, ईंधन और स्नेहकों से संबंधित सूचकांक में भी 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ। आलोच्य अवधि के दौरान गुड़, चावल, चोकर, सरसों का तेल आदि पदार्थो की कीमतों में कमी आई।

महंगाई के आंकड़ों में रिकार्ड वृद्धि की वजह से रुपया आज डालर के मुकाबले पिछले 13 महीनों के नए न्यूनतम स्तर तक चला गया। पिछले कई दिनों से रुपया 13 महीनों के निम्नतम स्तर पर चल रहा था। अंतर विदेशी मुद्रा विनिमय बैंक में आज रुपया 42.89 रुपये प्रति डालर के निचले स्तर पर दर्ज किया गया। मार्च 2007 में रुपया 43.47 रुपये प्रति डालर तक नीचे चला गया था।

कमोडिटी विशेषज्ञ मीनाक्षी शर्मा के अनुसार डालर के मुकाबले रुपये में कमजोरी कपास व आईटी क्षेत्रों के लिए अनुकूल अवसर प्रदान करेगी। पिछले कई महीनों से डालर की तुलना में रुपये में मजबूती से इन दोनों क्षेत्रों में नकारात्मक असर देखने को मिल रहे थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X