समुद्रों में एक-तिहाई नाइट्रोजन मनुष्य की देन
लंदन, 16 मई (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने एक नए अध्ययन में पता लगाया है कि समुद्र में एक तिहाई नाइट्रोजन मनुष्यों के कारण है।
कृषि उत्पादन में भारी मात्रा में नाइट्रोजन आधारित उर्वरक इस्तेमाल किए जाने के कारण और जैव ईंधनों के उपयोग के कारण समुद्र में नाइट्रोजन का स्तर बढ़ रहा है।
पूर्वी एंजिलिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि समुद्र में नाइट्रोजन के कारण वैश्विक जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा मिल रहा है।
शोधकर्ता पीटर लिस ने कहा, "जलवायु परिवर्तन के लिए चिंतित कोई भी व्यक्ति समुद्र में बढ़ते नाइट्रोजन के पीछे मनुष्य के हस्तक्षेप से चकित हो जाएगा।"
उन्होंने कहा कि इसका समाधान तभी हो सकता है जब मनुष्य नाइट्रोजन आधारित उर्वरक का कम इस्तेमाल क रे, प्रदूषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे वाहनों में कमी लाए जो कि विकासशील देशों में बहुतेरे उपयोग में जाया जा रहा है।
इस शोध में ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, इटली, चीन, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, चिली और कनाडा के 30 शोधकर्ता शामिल थे।
इस अध्ययन के निष्कर्ष 'साइंस' जर्नल के ताजा अंक में प्रकाशित हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।