भूटान में लोकतंत्र को मजबूत करेगा भारत : मनमोहन (लीड-1)
थिंपू (भूटान), 16 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज भूटान को आश्वासन दिया कि भारत भूटान में लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में हर संभव सहायता करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "राजतंत्र से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण रूपांतर एक अत्यंत महत्वपूर्ण विकास है। हम इस कदम की सराहना करते हैं और इसे मजबूत बनाने की हर कोशिश की हम मदद करेंगे।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत भूटान के विकास को गति प्रदान करने के लिए उससे हाथ मिलाने को तैयार है। हम 21 वीं सदी की ओर देख रहे हैं जहां दोनों देश मित्रता और सहयोग के साथ कदम रखेंगे।"
उनके यहां पहुंचने पर भूटानी प्रधानमंत्री जिग्मे थिनली ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की।
हवाई अड्डे से थिंपू तक की 50 किलोमीटर की दूरी के दौरान गलियों में एकत्रित ढेरों लोगों ने 'नमस्ते इंडिया' और 'चक दे इंडिया' के नारे लगाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। बच्चों ने भारत और भूटान के झंडे दिखाकर उनका स्वागत किया।
सिंह हिमालय की गोद में बसे इस छोटे से देश के लोकतंत्र अपनाने के बाद उसकी यात्रा पर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं।
भूटान रवाना होने से पूर्व दिए गए वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने भूटान और भारत के संबंधों को 'अंतर-राज्यीय' संबंधों का आदर्श उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा, "भारत और भूटान के संबंध अंतर्राज्यीय संबंधों का आदर्श उदाहरण हैं। दोनों ही देश खुली सीमाओं और मुक्त व्यापार का पूरा आनंद उठाते हैं। मुझे यकीन है कि भूटान के लोकतंत्र में तब्दील होने की प्रक्रिया के दौरान होने वाली मेरी यह यात्रा दोनों देशों के बीच पहले से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करेगी और उनके नागरिकों के लिए आर्थिक लाभ और समृद्धि का कारक बनेगी।"
प्रधानमंत्री वहां भूटान की नवनिर्वाचित संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह सम्मान पाने वाले वह पहले विदेशी राजनेता होंगे।
अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और उनके बेटे वर्तमान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से भी मुलाकात करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।