कमजोर रुपये से कपास की कीमत और निखरेगी
नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। मजबूत निर्यात, मिलों की मांग व कमजोर आपूर्ति के मद्देनजर कपास की कीमतों में तेजी के जारी रहने की संभावना है। इससे पूर्व भी कपास की कीमतों में लगातार दो सप्ताह तेजी दर्ज की जा चुकी है।
नई दिल्ली, 16 मई (आईएएनएस)। मजबूत निर्यात, मिलों की मांग व कमजोर आपूर्ति के मद्देनजर कपास की कीमतों में तेजी के जारी रहने की संभावना है। इससे पूर्व भी कपास की कीमतों में लगातार दो सप्ताह तेजी दर्ज की जा चुकी है।
कमोडिटी विशेषज्ञ मीनाक्षी शर्मा के अनुसार डालर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से निर्यात व मिलों की मांग में तेजी दर्ज की जा रही है। कारोबारियों को विश्वास है कि रुपये में कमजोरी कपास निर्यात के लिए अनुकूल अवसर प्रदान करेगी। पिछले कई महीनों से डालर की तुलना में रुपये में मजबूती से कपास के निर्यात पर नकारात्मक असर देखने को मिल रहा था।
अंतर विदेशी मुद्रा विनिमय बैंक में गुरुवार को रुपया डालर की तुलना में पिछले 13 महीनों के निम्नतम स्तर यानी 42.35 रुपये प्रति डालर पर दर्ज किया गया।
मीनाक्षी के मुताबिक स्टाक में नरमी से भी घरेलू बाजार में कपास की आपूर्ति प्रभावित हुई है। घरेलू बाजार में संकर -6 ग्रेड कपास की कीमत 23,800 से 24,000 रुपये प्रति कैंडी ( एक कैंडी = 355.32 किलोग्राम) है। गत बुधवार को समान गुणवत्ता के कपास की कीमत 23,300 से 23,800 रुपये प्रति कैंडी थी।
अक्टूबर 2007 से शुरू हुए मौजूदा विपणन वर्ष के दौरान अभी तक कुल 55 से 60 लाख गांठ कपास का निर्यात किया जा चुका है। घरेलू बाजारों में कपास की दैनिक आवक फिलहाल 30,000 से 35,000 गंठानों के आसपास है जो पिछले सप्ताह की आवक 35,000 से 40,000 गंठानों से कम है। कारोबारियों के अनुसार कुल आवक की 15,000 गंठानें गुजरात, 8,000 गंठानें महाराष्ट्र व बाकी पंजाब और हरियाणा में दर्ज की गई।
कृषि मंत्रालय के अनुसार मौजूदा फसल वर्ष के दौरान कपास का रकबा 4.4 फीसदी बढ़कर 90.6 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गया, जिसमें से 53.3 लाख हैक्टेयर क्षेत्रों में परिवर्धित बीटी कपास की बुआई की गई। देश में कपास की बुआई मई और जुलाई के मध्य व कटाई सितंबर के मध्य से शुरू होती है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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