मायावती सरकार में मंत्री का फरमान, बना गले की फांस
लखनऊ, 16 मई (आईएएनएस)। मायावती सरकार में सबसे ताकतवर मंत्री का एक फरमान अधिकारियों के गले की फांस बना हुआ है। मंत्री की चाहत है कि उनके गृह जनपद और लखनऊ के बीच वातानुकूलित बस चले, लेकिन यह बस है कि अटकी पड़ी है।
बसपा सरकार में आवास, लोक निर्माण, सिंचाई, आबकारी, गन्ना, चीनी उद्योग और पर्यावरण जैसे महकमे सम्भालने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी का गृह जनपद बुंदेलखण्ड का बांदा जिला है। उन्होंने राज्य सड़क परिवहन निगम को आदेश दिया कि लखनऊ-बांदा के बीच वातानुकूलित बस चलाई जाए। मंत्री महोदय ने बांदा में सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा भी कर दी। अब परिवहन निगम के अधिकारियों की समझ नहीं आ रहा कि वे क्या करें। एक तरफ मंत्री का आदेश है तो दूसरी ओर व्यावहारिक दिक्कतें। दरअसल लखनऊ से बांदा के लिए दो रास्ते हैं। एक रास्ता लालगंज, बछरावां, फतेहपुर, होते हुए बांदा पहुंचता है, तो दूसरा कानपुर, चौड़गरा, बिंदकी, चिल्ला होते हुए वहां जाता है।
परिवहन निगम के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मंत्री महोदय के आदेश का चाहते हुए भी पालन करना सम्भव नहीं हो रहा है। कानपुर वाले रास्ते पर चिल्ला में गंगा नदी पर पैंटून ब्रिज (पीपे वाला पुल) है। जबकि वातानुकूलित बसों का निचला हिस्सा सड़क से केवल आठ इंच ऊपर 'लो फ्लोर' होता हैं। पैंटून ब्रिज के पानी में दबते ही बस की बॉडी नीचे टकराने लगेगी और यह पुल पार नहीं कर सकेगी।
दूसरे रास्ते बेंदाघाट पर यद्यपि पैंटून ब्रिज नहीं है, लेकिन जो पुल है उससे भी बस का पार होना मुश्किल है। इसके अलावा कई किलोमीटर तक सड़क की दयनीय हालत वातानुकूलित बस को क्षतिग्रस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी की इच्छा थी कि सरकार की पहली वर्षगांठ पर लखनऊ से बांदा तक वातानुकूलित बस चलने लगे, लेकिन व्यावहारिक कठिनाइयों के चलते ऐसा सम्भव नजर नहीं आ रहा है। परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (संचालन) पी. पी. पाण्डेय ने इस बारे में आईएएनएस को बताया कि लखनऊ से बांदा के बीच वातानुकूलित बस चलाने के लिए आदेश जारी हो चुके हैं। सर्वे कराया जा रहा है और जल्दी ही बस चलने लगेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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