तेजाब से झुलसे 32 मजदूर

By <b>-कश्मीर ठुकराल</b>
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Acid victim
देहरादून, 15 मईः मजदूरी करने जा रहे 32 मजदूरों के लिए महिन्द्रा पिकप का सफर जिंदगी का सबसे खौफनाक सफर बन गया। उत्तराखण्ड के जनपद उधम सिंह नगर से सटे स्वार क्षेत्र में महिन्द्रा पिकप ज्वलनशील कैमिकल भरे एक तालाब में गिर गयी। हादसे में एक महिला समेत 32 मजदूर बुरी तरह झुलस गये। इनमें से अधिकांश की आंखों की रोशनी जाने की संभावना है। दर्दनाक हादसे के शिकार हुए सभी मरीजों को जिला अस्पताल लाया गया। यहां 11 की चिंताजनक हालत को देखते हुए हल्द्वानी रैफर किया गया है।

गड्ढे में केमिकल फैला था
हादसा आज सुबह 7-30 बजे का है। जानकारी के मुताबिक आज प्रात: छह बजे स्वार क्षेत्र के ग्राम रसूलपुर और इमरतपुर के 32 मजदूरों को ठेकेदार अखलाक रामनगर में लेंटर डालने के लिए ले जा रहा था। सभी मजदूरों को महेन्द्रा पिकप गाड़ी में बैठाकर रामनगर ले जाया जा रहा था। बाजपुर-रामपुर मार्ग पर लगभग तीस किमी चलने के बाद मानपुर में निर्माणाधीन पुलिया पर पिकप चालक ने पुलिया के नीचे अस्थाई रूप से बने रास्ते से गाड़ी को निकालना चाहा तो इस दौरान गाड़ी अनियंत्रित होकर पुल के नीचे गड्‌ढे में गिर गई। इस गड्‌ढे में कुछ दिन पूर्व ज्वलनशील कैमिकल की एक गाड़ी गिरी थी जिस कारण गड्‌ढे में केमिकल फैला हुआ था। जैसे ही पिकप गाड़ी गड्‌ढे में गिरी तो मजदूर उस केमिकल की चपेट में आ गये। हादसा इतना भयानक था कि 32 मजदूरों की आंखें और शरीर के अन्य हिस्से केमिकल की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गये।

केमिकल से झुलस गए मजदूर
केमिकल से झुलसे मजदूरों ने अपने अपने कपड़े तत्काल उतारकर फेंक दिये लेकिन केमिकल का असर उनकी आंखों व शरीर के अन्य अंगों में फैल गया। सभी मजदूर बुरी तरह चीखने चिल्लाने लगे। इस दौरान वहां मौजूद एक किसान ने तत्काल ट्‌यूबवेल चला दिया और झुलसे हुए मजदूरों पर पानी फैंकना शुरू कर दिया। भीषण हादसे के बाद सभी झुलसे हुए लोगों को तत्काल बाजपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया गया। जहां प्रारम्भिक उपचार के उपरान्त सभी को रूद्रपुर जिला चिकित्सालय भेज दिया। जैसे ही मजदूरों को जिला चिकित्सालय लाया गया चिकित्सकों की पूरी टीम तत्काल उनके इलाज में जुट गई।

जा सकती है आंखों की रोशनी
पूरा अस्पताल झुलसे मजदूरों की चीखों से गूंज रहा था झुलसे हुए मजदूरों इमरतपुर निवासी राशिद, विनोद, मदन,राजू, सत्यप्रकाश, वकील अहमद,खान सिंह, छोटे लाल, ओम प्रकाश, रामकिशोर, ईशपाल, रूपकिशोर, राजाराम, शाहिद, प्रेमपाल, मुशर्रफ हसन,यशपाल, मो-तईम,शाकिर नईम, इमरान,रसुलपुर निवासी असगर,नाजिम ,शेखावत अली,मसूद हसन,मौ-फईम, मतलूक अली, मंसूद, भूरा, शाहिद, चमरव्वा निवासी मुस्कीन, मुस्तफा समेत नवी हसन की पत्नी नईमा,दो वर्ष का लड़का फरमान ,सात वर्षीय जीशान और इमरान भी चपेट में आ गये। महिला और बच्चे बाल-बाल बच गये लेकिन अन्य मजदूर बुरी तरह झुलसे हुए थे और सब की आंखों में इस केमिकल का सबसे ज्यादा प्रभाव था। अधिकांश मजदूरों के आंखों की रोशनी जाने की संभावना जतायी जा रही है। फिलहाल चिकित्सकों ने कुछ भी कहने से इंकार किया है।

अस्पताल में हाहाकार
कैमिकल भरे तालाब में महिन्द्रा पिकप गिरने से झुलसे मजदूरों को जिला अस्पताल लाये जाने के बाद पूरा अस्पताल चीख पुकारों से दहल उठा। एक साथ 32 घायलों को लाये जाने से अस्पताल में हड़कम्प मच गया। बाजपुर से जिला चिकित्सालय रैफर होने के बाद मजदूरों को बाजपुर से एम्बुलेंस में करीब 10 बजे रूद्रपुर जिला अस्पताल लाया गया। मजदूरों को लाये जाने की सूचना फोन पर पहले ही दे दी गयी गयी थी जिस पर डाक्टरों की पूरी टीम को एलर्ट कर दिया गया। मरीजों की स्थिति इतनी बुरी थी कि लोग उन्हें सहारा दे-देकर बिस्तर तक पहुंचा रहे थे। कोई भी मरीज अपनी आंखों से देख नहीं पा रहा था न ही ठीक ढंग से लेट पा रहा था।

बच गए तीन मासूम
महेन्द्रा पिकप गाड़ी के कैमिकल से भरे गड्‌ढे मे पलटने से जहां 32 मजदूर जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं वही इस हादसे में तीन मासूम बच्चे बाल बाल बच गये। तीनों बच्चे हादसे के बाद काफी सहमे हुए हैं। प्रात:मानपुर के पास हुए हादसे में 32 मजदूर बुरी तरह झुलस गये इस गाड़ी में नवी अहमद की पत्नी नईमा अपने दो साल के लड़के फरमान,सात साल के जीशान और पांच साल के इमरान के साथ बैठी हुई थी जब गाड़ी गड्‌ढे में पलटी तो तीनों बच्चे अपनी मां के साथ छिटक कर दूर जा गिरे। फिर भी कैमिकल की थोड़ी छीटें उन पर पड़ गई लेकिन तीनों बच्चे खतरे से बाहर हैं।

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