जयपुर बम हादसे का कोई सुराग नहीं
नई दिल्ली, 15 मई (आईएएनएस)। जयपुर में मंगलवार को हुए बम धमाकों के दो दिन बाद भी केंद्र सरकार को इससे जुड़े सुराग नहीं मिल पाए हैं।
सरकारी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) एम. के. नारायणन ने कैबिनेट को यह जानकारी दी कि जयपुर में हुए विस्फोटों की अभी जांच चल रही है। कोई खास सुराग अभी तक हाथ नहीं लग पाया है।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में जयपुर हादसों पर गंभीरता से विचार किया गया। साथ ही खुफिया तंत्रों के बीच बेहतर समन्वय बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
सूत्रों के मुताबिक नारायणन कैबिनेट सचिव के. एम. चन्द्रशेखर के साथ मिलकर जयपुर हादसों की जांच प्रकिया पर निगाह रखे हुए हैं।
कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने बताया कि नारायणन और चन्द्रशेखर ने कैबिनेट को जयपुर की घटना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इससे आगे कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया विभाग, फोरेंसिक विशेषज्ञ और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी जयपुर में हुए बम विस्फोटों की सुराग पाने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं।
बैठक में शामिल हुए एक मंत्री ने बताया कि इस बात पर सभी मंत्री एकमत थे कि खुफिया तंत्र को मजबूत बनाए जाने के लिए कठोर कदम उठाया जाना जरूरी है।
उक्त मंत्री ने बताया कि बैठक में किसी ने भी जयपुर की घटना के लिए सीधे तौर पाकिस्तान को जिम्मेवार नहीं ठहराया। एक विदेशी खुफिया एजेंसी और सीमा पार के एक आतंकवादी संगठन का जिक्र जरूर हुआ।
बहरहाल, आरंभिक जांच में बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन हरकत उल जेहादी इस्लामी (हूजी) का नाम सामने आया है।
उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद के साहिबाबाद से एक साइबर कैफे के मालिक मधुकर मिश्रा को गिरफ्तार किया है। मिश्रा के साइबर कैफे से ही कथित तौर एक ई-मेल भेजा गया था जिसमें विस्फोटों से जुड़े कुछ वीडियो फुटेज थे और एक आतंकवादी संगठन ने जयपुर हादसों की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है।
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने लखनऊ में संवाददाताओं को बताया कि मिश्रा की सहायता से ई-मेल करने वाले संदिग्ध का स्कैच बनाया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।