आकाशगंगा में मिला सबसे नया सुपरनोवा
वाशिंगटन, 15 मई (आईएएनएस)। अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक दल ने आकाशगंगा के नवीनतम टूटते तारे (सुपरनोवा) का पता लगा लिया है। इससे उन्हें यह जानने में मदद मिलेगी कि उस समय क्या होता है जब आकाश में तारों की मौत होती है।
शोधकर्ता डेविड ग्रीन ने कहा, "यह सुपरनोवा केवल 140 वर्ष पुराना है और अंतरिक्ष के हिसाब से यह अभी बच्चा है। यह अब तक का सबसे छोटा सुपरनोवा है।"
वैज्ञानिकों के लिए यह इसलिए भी आकर्षण का कारण रहता है क्योंकि इससे भारी मात्रा में ऊर्जा, गैस और ऐसे पदार्थ निकलते हैं जिनसे नए तारों का निर्माण हो सकता है।
हार्वड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता राबर्ट क्रिश्नर ने कहा, "हमारे लिए यह बढ़िया मौका है कि हम देखें कि तारों के टूटने पर क्या होता है? जब हम सारे लक्षणों को एकत्रित करेंगे तो हमें ढेर सारे नए तथ्य मिलेंगे। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे टीवी पर किसी की मौत की जांच वाला सीरियल देखना।"
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार हर शताब्दी में दो या तीन सुपरनोवा होते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।