धमाकों का जवाब : मुस्लिम महिलाओं ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
वाराणसी, 14 मई (आईएएनएस)। हमेशा की तरह इस बार भी हनुमान मंदिर और मंगलवार का दिन विस्फोट कराने के लिए चुना गया। इससे साफ हो गया कि आतंकवादी देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं, लेकिन इस तरह के धमाकों का जवाब वाराणसी की जनता अपने बुलंद इरादों से पहले ही दे चुकी है।
तीन बार धमाकों का दंश झेल चुके वाराणसी के मुस्लिम बच्चों और महिलाओं ने आज जयपुर में हुए सिलसिलेवार धमाकों के विरोध में एक रैली निकाली। इसमें बच्चों ने आतंकवादी संगठनों हूजी, जैश-ए-मुहम्मद और लश्करे तोएबा के प्रतीक पुतले को फांसी पर लटका कर आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाये। वहीं मुस्लिम महिलाओं ने भारत माता मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया।
वाराणसी के शास्त्री पार्क से बच्चे जुलूस की शक्ल में हाथों में आतंकवाद विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर निकले। उनकी संख्या करीब 55 से 60 रही होगी लेकिन जब वे भारत माता मंदिर पहुंचे तो उनके साथ पूरा जन सैलाब था। इन बच्चों ने भारत माता की मूर्ति के सामने पहले से ही तैयार तीन आतंकवादी संगठनों के कमांडरों को फांसी पर लटकाया और संकल्प लिया कि देश में आतंकवादियों के इरादों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा ।
विशाल भारत संस्थान नामक स्वयं सेवी संस्था के नेतृत्व में निकला गया यह जुलूस सांप्रदायिक सौहार्द के लिए भी था। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाली नाजनीन अंसारी ने बताया कि अब सभी लोग समझ्झ चुके हैं कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं है उनका मकसद सिर्फ़ भारत में अस्थिरता फैलाना है जिसे हम लोग कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
राजिदा बीबी ने कहा कि वाराणसी में संकट मोचन मंदिर में भी विस्फोट कराने का उद्देश्य साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना ही था लेकिन यहां हिंदू और मुसलमान ताने बाने की तरह एक दूसरे से जुड़े हुए है जो इस तरह की किसी भी कोशिश को कामयाब नहीं होने देंगे।
स्वयं सेवी संस्था संस्थापक राजीव श्रीवास्तव ने चुनौती देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इन दहशतगर्दो को कुचल दिया जाना चाहिए क्योंकि इनके इरादों का पता अब चल चुका है, इनके साथ किसी भी कीमत पर नरम बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए। रही बात सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की तो उसे हम लोग आपसी समझ से ठीक कर लेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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