मध्यप्रदेश में खेती-किसानी की जानकारी अब मोबाइल पर
भोपाल, 14 मई (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश में सूचना क्रांति का लाभ अब किसानों को भी मिलेगा। उन्हें खेती और किसानी से संबंधित जानकारी मोबाइल पर ही मिल जाया करेगी। इसकी शुरुआत राज्य के बालाघट जिले से हुई है।
राणा हनुमान सिंह कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा गांव के वैज्ञानिकों ने किसानों को सूचना क्रांति का लाभ पहुंचाने के मकसद से एक नई शुरुआत की है। इन वैज्ञानिकों ने एसएमएस की तर्ज पर कृषि संबंधी जानकारी देने के लिए किसान मोबाइल संदेश (केएमएस) बनाया है।
इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ किसानों को देने के मकसद से बालाघाट के प्रत्येक विकास खंड से 20 मोबाइल धारक किसानों का चयन किया गया है। इसके अलावा कृषि जगत से जुड़े 50 अधिकारियों और 25 खाद बीज वितरकों का चयन करके उनकी सूची बनाई गई है। ये सभी लोग मोबाइल संदेश के माध्यम से आपस में एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। आने वाले समय में इस योजना से और जागरूक किसानों को जोड़ा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक क़े एम़ एस़ के माध्यम से किसानों को बगैर किसी देरी के कृषि व उससे जुड़े धंधों मछली पालन, पशु पालन झींगा पालन, बकरी पालन आदि के विषय में त्वरित जानकारी दी जाएगी। इस योजना का मकसद यह है कि क़े एम़ एस़ से किसानों तक पहुंचने वाली जानकारी अन्य किसानों तक भी पहुंच सके।
किसान मोबाइल संदेश तैयार करने वाले दल के सदस्य डॉ़ विशाल मेश्राम का मानना है कि इस तकनीक के जरिए किसानों को त्वरित सलाह दी जा सकती है। वर्षा पूर्व की सूचना कई घंटों पहले किसानों तक पहुंचाना आसान है। फसल को बीमारी लगने पर उसका कैसे उपचार करें यह बात क़े एम़ एस़ से किसानों को दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि किसानों तक संदेश पहुंचाने के लिए एक निजी संस्था से समझौता किया है इस व्यवस्था के जरिए 200 से अधिक किसानों को एक बार में संदेश भेजा जा सकेगा। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि जमीनी स्तर पर जो सलाह व जानकारी वे किसानों को समय पर नहीं पहुंचा पाते हैं वह क़े एम़ एस़ के जरिए सहजता से पहुंच जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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