जयपुर में जिंदगी पटरी पर लौटी, कर्फ्यू हटा (राउंड अप)
जयपुर, 14 मई (आईएएनएस)। राजधानी जयपुर में मंगलवार शाम हुए सात सिलसिलेवार बम धमाकों में 63 लोग मारे गए और 216 घायल हुए। इन विस्फोटों से हताहत गुलाबी शहर की जिंदगी आज पटरी पर लौट आई। वैसे आज सुबह ऐहतियात के तौर पर शहर के 15 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था,जो शाम 6 बजे उठा लिया गया।
अधिकतर घायलों को शहर के दो अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जहां डाक्टरों के दल रात से ही आवश्यक आपरेशन करने में जुटे हैं। डाक्टरों ने कहा कि कई घायलों की हालत काफी गंभीर है। आपदा की इस घड़ी में जयपुरवासियों ने भाईचारे की मिसाल पेश की। अस्पतालों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी । ये लोग घायलों के लिए रक्त देना चाहते थे।
राज्य के गृह सचिव वी एस सिंह ने आईएएनएस को बताया कि आज दिनभर शहर में कर्फ्यू के चलते आम तौर पर स्थिति नियंत्रण में रही। शहर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान तैनात थे। शाम को कर्फ्यू हटते ही लोग घरों से निकले और अधिकांश दुकानें भी खुल गईं।
इस बीच विभिन्न राजनीतिक दलों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की गई। अमेरिका ने विस्फोटों की जांच में सहायता उपलब्ध कराने की पेशकश की है।
वहीं दूसरी ओर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने इन धमाकों के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विस्फोटों के बारे में केंद्र की खुफिया एजेंसियों से कोई जानकारी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से लगे राज्य की एक हजार किलोमीटर लंबी सीमा के कारण आतंकवाद पर लगाम कसना चुनौती भरा काम है।
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि जयपुर में जिदगी पटरी पर लौट आएगी। अब यहां स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।" मुख्यमंत्री ने कहा कि दहशतगर्दो ने विस्फोट के लिए नौ नए साइकिलों का प्रयोग किया था।
उन्होंने कहा, "दहशतगर्दो ने भीड़भाड़ वाले इलाकों को अपना निशाना बनाया। उनका मकसद अधिक से अधिक लोगों को अपना निशाना बनाना और हिंदू-मुस्लिमों के बीच तनाव पैदा करना था।"
राज्य के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी आईएएनएस से कहा, "राजस्थान में हुए बम धमाकों के लिए केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार बराबर की जिम्मेदार है।"
कटारिया ने कहा, "केंद्र सरकार केवल जांच दलों को भेजकर जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकती।" उन्होंने कहा कि देश भर में कई आंतकवादी हमले हुए और राजस्थान सरकार इस मुद्दे पर संप्रग सरकार से चर्चा करना चाहती थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।