औद्योगिक विकास में दिखी भारी गिरावट
केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन (सीएसओ) से आज जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2007-08 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में विकास दर 8.1 फीसदी रही जबकि वर्ष 2006-07 के दौरान औद्योगिक विकास दर 11.6 फीसदी रही थी। फरवरी 2002 के बाद औद्योगिक विकास दर में यह सबसे बड़ी गिरावट है। फरवरी 2002 में औद्योगिक विकास दर गिरकर 2.4 फीसदी तक नीचे चला गया था।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में तकरीबन 80 फीसदी भारांक रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में मार्च के दौरान सिर्फ 2.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान विनिर्माण क्षेत्रों में 16 फीसदी विकास दर रही थी।
आंकड़ों के अनुसार कपड़ा, धातु, काष्ठ व परिवहन उपकरणों से जुड़े निर्माण क्षेत्रों में गिरावट की मार सबसे ज्यादा रही है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार औद्योगिक विकास दर में गिरावट व रिकार्ड महंगाई दर अर्थव्यवस्था के लिए शुभ नहीं है। अर्थव्यवस्था में 8.7 फीसदी की विकास दर को बरकरार रखना इन स्थितियों में संभव नहीं हो सकता है।
विशेषज्ञ बता रहे हैं कि रुपये में मजबूती की वजह से कपास उद्योग पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। जनवरी 2008 के दौरान औद्योगिक विकास दर 5.3 फीसदी थी जबकि अप्रैल 2007- जनवरी 2008 के बीच यह दर 8.7 फीसदी रही थी।
बाजार विशेषज्ञ रुपये में मजबूती व महंगाई दर में वृद्धि के साथ-साथ तेल की कीमतों में उछाल को भी औद्योगिक विकास दर में गिरावट के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। बीते शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 26 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान देश में महंगाई दर बढ़कर 42 महीनों के उच्चतम स्तर यानी 7.61 फीसदी तक पहुंच गई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।