बिनायक सेन की रिहाई के लिए नए प्रयास
रायपुर, 13 मई (आईएएनएस)। नोबेल पुरस्कार विजेताओं द्वारा बिनायक सेन की रिहाई के लिए भारत सरकार से अपील के बाद अब सामाजिक कार्यकर्ताओं ने घोषणा की है कि वे सेन की रिहाई के लिए बुधवार को एक विरोध रैली का आयोजन करेंगे।
छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ महिला जागृति संगठन, छत्तीसगढ़ बाल श्रमिक संगठन, नदी घाटी मोर्चा, रूपांतर और मुक्ति-निकेतन जैसे अनेक दल इस रैली में शामिल होंगे।
गत वर्ष 14 मई को पुलिस ने सेन को बिलासपुर शहर से गिरफ्तार किया था। वह पेशे से डॉक्टर और गैर-सरकारी संगठन 'पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज' (पीयूसीएल) के उपाध्यक्ष हैं। उन पर नक्सली नेता नारायण सान्याल से संबंध रखने का आरोप है।
सेन को छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 (सीएसपीएसए) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सेन का मामला अब रायपुर की एक फास्ट ट्रैक अदालत में चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को 22 नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर सेन के वाशिंगटन जाने की इजाजत मांगी थी। सेन को विश्व स्वास्थ्य परिषद की ओर से जोनाथन मान पुरस्कार के लिए चुना गया है।
सेन की पत्नी इलिना ने कहा, "मैं नोबेल पुरस्कार विजेताओं का अपने पति के प्रति सहयोग का स्वागत करती हूं। यह मेरे लिए बहुत भावुक क्षण हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि केंद्र सरकार या छत्तीगढ़ सरकार इस अपील पर ध्यान देगी।"
पीयूसीएल के राज्य अध्यक्ष राजेंद्र के. सैल के अनुसार, "सीएसपीएसए के प्रावधान पोटा (आतंकवाद निरोधक अधिनियम) जैसे ही हैं जिसे 2004 में संसद में निरस्त कर दिया गया था।"
इलिना के अनुसार उनके पति पर सीएसपीएसए की बजाय आपराधिक नियमों के तहत एक निष्पक्ष मामला चलना चाहिए। गौरतलब है कि बुधवार को ही सेन की गिरफ्तारी का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।