वर्ष 2007-08 के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। अप्रैल 2007 से मार्च 2008 के दौरान भारत के विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट देखी गई।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और एसोसिएशन ऑफ काउंसिल (एएससीओएन) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार जहां एक ओर वर्ष 2006-07 के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की सभी इकाइयों में से 21.73 फीसदी ने 20 फीसदी की तरक्की की थी, वहीं 2007-08 में यह आंकड़ा गिरकर 15.38 फीसदी हो गया।
सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2007-08 के दौरान क्षेत्र की 30.77 फीसदी कंपनियों ने ही 10 से 20 फीसदी का लाभ अर्जित किया जबकि इससे पिछले साल में यह आंकड़ा 36.73 फीसदी था।
जिन कंपनियों ने 20 फीसदी से ज्यादा विकास किया उनमें स्पांज आयरन, विद्युत केबल्स, विद्युत मोटर्स, विद्युत ट्रांसफार्मर्स, कंप्यूटर मूंगफली का तेल और बिजली के खंबे शामिल हैं।
इस अवधि में 10 फीसदी तक की मामूली वृद्धि दर्ज करने वाली कंपनियों की संख्या में इजाफा हुआ और वे 2006-07 के 30.61 फीसदी की तुलना में 2007-08 के दौरान 37.5 फीसदी तक पहुंच गईं।
जिन क्षेत्रों में कमी देखी गई उनमें उर्वरक, मशीन उपकरण, ट्रैक्टर और दोपहिया तथा तीन पहिया वाहन शामिल हैं।
आंकड़ों को जारी करते हुए सीआईआई की विनिर्माण परिषद के अध्यक्ष सुरिंदर कपूर ने कहा, "यह चिंता की बात है कि लगातार बढ़ोतरी वाले क्षेत्रों में इस तरह गिरावट आ रही है।"
सीआईआई की उपमहानिदेशक सरिता नागपाल ने कहा, "यह सर्वेक्षण बताता है कि विनिर्माण क्षेत्र ऊंची ब्याज दरों और रुपये में आई मजबूती के बीच स्थिर होने की कोशिश कर रहा है। "
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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