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अधिकारों की रक्षा के लिए मछुआरों की रैली

By Staff
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चैन्नई, 11 मई (आईएएनएस)। सरकार द्वारा जून के अंत तक नया तटीय क्षेत्र प्रबंधन (सीजेडएम) कानून लागू किए जाने की संभावना के विरोध में मछुआरों ने 'नेशनल फिश फोरम' (एनएफएफ) के तत्वाधान में दो महीने तक चलने वाली विरोध रैली निकालने का फैसला लिया है।

चैन्नई, 11 मई (आईएएनएस)। सरकार द्वारा जून के अंत तक नया तटीय क्षेत्र प्रबंधन (सीजेडएम) कानून लागू किए जाने की संभावना के विरोध में मछुआरों ने 'नेशनल फिश फोरम' (एनएफएफ) के तत्वाधान में दो महीने तक चलने वाली विरोध रैली निकालने का फैसला लिया है।

मछुआरों का कहना है प्रस्तावित कानून से भारत के 3,200 तटीय गांवों के 20 लाख लोगों के जीवन पर संकट उत्पन्न होता दिख रहा है।

ये मछुआरे हर साल 20 लाख टन मछली का उत्पादन करते हैं। जो देश के राजस्व में पांच अरब रुपये का योगदान करता है।

एनएफएफ द्वारा आयोजित इस अभियान को मच्छीमार अधिकार राष्ट्रीय अभियान का नाम दिया गया है। इस अभियान की शुरुआत गुजरात तट से होगी और 27 जून को कोलकाता तट पर पहुंच कर समाप्त होगी।

एनएफएफ के अध्यक्ष हरेकृष्णा देबनाथ ने बताया, "विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) और विशेष पर्यटन क्षेत्र (एसटीजेड) पहले ही तटीय इलाकों को बहुत प्रदूषित कर रही हैं। अगर सीजेडएम के तहत विदेशी नौकाएं मछली मारेंगी तो तटीय क्षेत्र के मछुआरों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।"

उन्होंने कहा कि मछुआरों को समुद्री सीमा विवाद का शिकार नहीं बनाना चाहिए।

गौरतलब है कि एनएफएफ ने सरकार से विदेशी नौकाओं को भारतीय समुद्र में मछली मारने को अनुमति न देने का आग्रह किया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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