भूटानी संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे मनमोहन
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भूटान की नवगठित संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह सम्मान पाने वाले मनमोहन सिंह विश्व के पहले अंतर्राष्ट्रीय नेता होंगे। आगामी छह मई को प्रधानमंत्री भूटान के दौरे पर जाएंगे।
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भूटान की नवगठित संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे। यह सम्मान पाने वाले मनमोहन सिंह विश्व के पहले अंतर्राष्ट्रीय नेता होंगे। आगामी छह मई को प्रधानमंत्री भूटान के दौरे पर जाएंगे।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, "भूटानी सरकार व वहां की जनता द्वारा जो सम्मान मनमोहन सिंह को दिया जा रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों देशों के रिश्ते कितने मधुर हैं।"
प्रधानमंत्री की इस यात्रा की प्रासंगिकता इसलिए और बढ़ जाती है क्योंकि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पहली भूटान यात्रा के 50 वर्ष उसी दिन पूरे हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि नेहरू की यह यात्रा वर्ष 1958 में हुई थी और इसी दौरान दोनों देशों के रिश्तों की गहरी नींव रखी गई थी। इसी शुरुआत की वजह से ही बदलते वक्त के साथ भी दोनों देशों के रिश्ते मधुर रहे और आज भूटान भारत का महत्वपूर्ण पड़ोसी देश है।
आगामी 16 मई से शुरू हो रही इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री वहां के शीर्ष नेताओं से बातचीत करेंगे। ज्ञात हो कि भूटान ने हाल ही लोकतंत्र की दिशा में अपना पहला कदम बढ़ाया है। पिछले 24 मार्च को वहां पहली बार चुनाव संपन्न हुआ था जिसमें देश की 80 फीसदी जनता ने मतदान किया था।
इस यात्रा के दौरान मनमोहन सिंह भूटान के पूर्व नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक और उनके पुत्र व मौजूदा नरेश जिग्मे खेसर नामगिल वांगचुक से भी बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह भूटानी चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी ड्रक फेनसुएम शोगपा (डीपीटी) के सबसे बड़े नेता व प्रधानमंत्री पद के दावेदार जिग्मे थनले से भी चर्चा करेंगे।
इस दौरे में प्रधानमंत्री 1020 मेगावाट की टाला विद्युत परियोजना को भूटानी जनता को समर्पित करेंगे और साथ ही पुनाटसांगचु स्थित 1095 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाली जल विद्युत परियोजना की नींव भी रखेंगे।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दशकों से भूटान दक्षिण एशिया के देशों में सबसे मजबूत आर्थिक ताकत के रूप में उभरा है। भूटान, अपने सकल घरेलू उत्पाद की दर में प्रतिवर्ष सात फीसदी की वृद्धि करता आ रहा है। अपने राजस्व का अधिकांश हिस्सा वह भारत को जल विद्युत का निर्यात करके प्राप्त करता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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