एड्स के खिलाफ सफलता की इबारत लिखता एक जिला
गुंटूर (आंध्रप्रदेश), 11 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश का गुंटूर जिला, जो एक समय एड्स के बढ़ते मामलों के लिए चर्चा में था, इस समय दूसरे ही कारणों से चर्चित है। पिछले तीन सालों के दौरान जिले में एड्स के नए मामलों में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
गुंटूर (आंध्रप्रदेश), 11 मई (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश का गुंटूर जिला, जो एक समय एड्स के बढ़ते मामलों के लिए चर्चा में था, इस समय दूसरे ही कारणों से चर्चित है। पिछले तीन सालों के दौरान जिले में एड्स के नए मामलों में 50 फीसदी की गिरावट आई है।
राज्य सरकार द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक वर्ष 2003 में गुंटूर में एड्स का फैलाव 3.35 फीसदी था जो राज्य के 23 जिलों में सर्वाधिक था। सन 2005 में यह आंकड़ा घटकर 2.75 फीसदी हुआ और 2006 में यह 1.75 फीसदी रह गया।
आंध्रप्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अतिरिक्त परियोजना निदेशक बी. कालिदास ने आईएएनएस को बताया, "राज्य सरकार और कुछ गैरसरकारी संगठनों द्वारा उठाए गए ठोस कदमों की बदौलत यह आंकड़ा घटकर 1.7 फीसदी पर आ गया है। अब यह दूसरे जिलों के लिए एक आदर्श बन गया है।"
कालिदास ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निर्देशन में चल रहा 'चर्चा' कार्यक्रम तथा स्थानीय जनजागरुकता कार्यक्रमों जैसे 'आशा' तथा 'बी बोल्ड' आदि ने लोगों को जागरुक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि गुंटूर में एशिया की सबसे बड़ी मिर्च मंडी है और यहां से राष्ट्रीय राज्यमार्ग का 87 किलोमीटर लंबा हिस्सा गुजरता है। यहां से गुजरने वाले ट्रक चालकों को इलाके में एड्स का बड़ा कारण माना जाता है।
गुंटूर में 10,000 यौनकर्मी हैं जबकि राज्य के 50,000 एड्स पीड़ितों में से 30,000 अकेले गुंटूर में हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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