महाबोधि वृक्ष को बचाने के प्रयास तेज
संस्थान के डा. एन. एस. के. हर्ष ने बताया कि चूंकि इस वृक्ष की कुछ शाखाएं मृत एवं खोखली हो गयी हैं, जिसका असर स्वस्थ तनों पर भी हो सकता है। इसलिए इस कार्य को अंजाम दिया गया है।
बताया जाता है कि तने की छंटाई के पूर्व बोध गया में अवस्थित 32 देशों के बौद्ध मठों की प्रमुख संस्था इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल के सदस्यों के साथ वनस्पति वैज्ञानिकों ने बैठक कर उन्हें छंटाई के लिए तैयार किया गया।
वनस्पति विज्ञान के विशेषज्ञ डा. सुभाष नौटियाल ने बताया कि बोधिवृक्ष काफी पुराना है। तनों की कटाई के बाद कटिंग प्वाइंट पर ट्री गार्ड का लेप लगवाया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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