नरगिस तूफान और वायदा पर रोक के बीच दलहन कहां जाए
नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। म्यांमार में गत शनिवार को आए चक्रवाती तूफान 'नरगिस' की वजह से घरेलू दलहन बाजार में जारी अनिश्चितता सरकार द्वारा चना के वायदा कारोबार पर रोक की घोषणा से और बढ़ गई है। देश में कुल दलहन आपूर्ति यानी 15 लाख टन का तकरीबन 50 फीसदी यानी 7.5 लाख टन प्रति वर्ष म्यांमार से आयात किया जाता है। भारत म्यांमार से मुख्यतया उड़द, तुअर और मूंग का आयात करता है।
नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)। म्यांमार में गत शनिवार को आए चक्रवाती तूफान 'नरगिस' की वजह से घरेलू दलहन बाजार में जारी अनिश्चितता सरकार द्वारा चना के वायदा कारोबार पर रोक की घोषणा से और बढ़ गई है। देश में कुल दलहन आपूर्ति यानी 15 लाख टन का तकरीबन 50 फीसदी यानी 7.5 लाख टन प्रति वर्ष म्यांमार से आयात किया जाता है। भारत म्यांमार से मुख्यतया उड़द, तुअर और मूंग का आयात करता है।
दलहन आयातक संघ के अध्यक्ष के.सी. भारतीय के अनुसार म्यांमार में तूफान की वजह से उड़द और तूअर की खेप के पहुंचने में कम से कम एक महीने की देर हो सकती है। भारतीय के मुताबिक इस विलंब का घरेलू कीमतों पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए, बावजूद उन्होंने अल्पावधि में कीमतों में तेजी की संभावना सं इंकार नहीं किया।
कारोबारियों का कहना है कि देश में फिलहाल दलहन का पर्याप्त स्टाक है और आयातित खेप के विलंब से पहुंचने का कीमतों पर कोई विशेष असर नहीं होगा। उधर, म्यांमार में तूफान की वजह से दलहन की फसलों के नुकसान की संभावना कम ही है, कारण तुअर और उड़द की कटाई वहां संपन्न हो चुकी है।
कमोडिटी विशेषज्ञ मीनाक्षी शर्मा ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि नुकसान की जो थोड़ी संभावना बंदरगाह व गोदामों में रखे हुए दलहन को लेकर है उसकी भरपाई प्रोसेसिंग के जरिए कर ली जाएगी।
मीनाक्षी के अनुसार घरेलू कीमतों में नरमी को लेकर म्यांमार से आयात घटा है। घरेलू बाजार में स्टाक की समाप्ति के बाद आयात में तेजी की बात उन्होंने स्वीकार की। मीनाक्षी बताती है कि विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा स्टाक लिमिट लगा दिए जाने की वजह से भी आयात प्रभावित हुआ है। स्थानीय बाजार में जनवरी से अब तक प्रमुख दलहनों की कीमतों में 10 से 15 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है।
मीनाक्षी का कहना है कि चना के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध की घोषणा से इसके आयात पर असर पड़ सकता है।
दलहन की पर्याप्त घरेलू आपूर्ति के लिए सरकार द्वारा आयात पर जारी शुल्क को समाप्त करने के साथ ही विभिन्न राज्य सरकारों को स्टाक लिमिट लगाए जाने का अधिकार भी प्रदान किया गया है। बाजार समीक्षकों को मौजूदा वर्ष के दौरान कुल 35 लाख टन दलहन आयात का अनुमान है।
इस बीच सरकार के आदेश पर फारवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) ने गुरुवार से सोयाबीन, चना, रबर और आलू वायदा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। वायदा बाजार आयोग के निदेशक अनुपम मिश्र के अनुसार यह रोक कम से कम चार महीनों तक जारी रहेगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।