मदरसे के छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ेगा एएमयू
लखनऊ, 9 मई (आईएएनएस)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने देश के अलग-अलग शहरों में जाकर कई इस्लामिक सेमिनारों का आयोजन करने का विचार किया है ताकि मदरसा के छात्रों को भी देश की शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
लखनऊ, 9 मई (आईएएनएस)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने देश के अलग-अलग शहरों में जाकर कई इस्लामिक सेमिनारों का आयोजन करने का विचार किया है ताकि मदरसा के छात्रों को भी देश की शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़ा जा सके।
एएमयू के प्रवक्ता राहत अबरार ने फोन पर आईएएनएस से कहा, "यह मदरसा के छात्रों को बेहतर और उच्च शिक्षा देने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की एक बेहतरीन कोशिश है।"
एमयू सहित राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के कुल 1,900 मदरसे उत्तर प्रदेश (यूपी) में मौजूद हैं। किसी भी अन्य राज्य से ज्यादा लगभग 170,000 छात्र यहां के मदरसों में शिक्षा लेते हैं। यही कारण है कि उन्होंने इस काम की शुरुआत यूपी से ही करना सही समझा।
इसके लिए एक समिति का गठन किया जा चुका है। समिति मदरसा के पाठ्यक्रमों में भी बदलाव लाने की कोशिश करेगी।
उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल और तमिलनाडू राज्यों के लगभग 42 मदरसों में एएमयू द्वारा यह सुधार कार्य किया जाएगा।
अबरार ने कहा, "बाद में इन मदरसों के छात्रों को एएमयू स्नातक बनने के अवसर भी दिए जाएंगे। बाद में ये छात्र चाहें तो यहां से मास्टर्स कोर्स भी कर सकेंगे।"
एएमयू के एक सूत्र के अनुसार यूपी के मऊ, बस्ती, सिद्धार्थनगर और आजमगढ़ स्थित मदरसों से शुरू करते हुए इस कार्यक्रम को अन्य राज्यों तक ले जाया जाएगा।
राज्य मदरसा शिक्षा संघ ने एएमयू के इस कदम का स्वागत किया है। लेकिन छात्रों के अच्छे अंकों को देखते हुए उन्होंने इच्छा जताई है कि उनके लिए अलग विश्वविद्यालय बनाए जाएं। इसके लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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