बिहार में विकास योजनाओं का भी पर्यवेक्षण करेगा विजिलेंस
पटना, 9 मई (आईएएनएस)। बिहार में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की मुहिम में एक करोड़ रुपये से अधिक की सभी निर्माणाधीन योजनाओं का पर्यवेक्षण अब 'बिहार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो' भी करेगा। इसके लिए पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग से सूची मांगी गई है।
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के प्रधान सचिव वी. के. वर्मा ने बताया कि इन योजनाओं के पर्यवेक्षण में निगरानी ब्यूरो कायरें की गुणवत्ता बनाए रखने के साथ-साथ घूसखोरी जैसी प्रवृत्ति को रोकेगा। राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में विभिन्न योजनाएं चल रही हैं। इस पर्यवेक्षण कार्य के लिए निगरानी विभाग में अधिकारियों की संख्या बढ़ाने के लिए गृह विभाग को एक पत्र लिखा गया है।
उन्होंने बताया कि अब घूसखोरों को पकड़वाने के लिए शिकायतकर्ताओं को अपनी राशि नहीं लगानी पड़ेगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष में 20 लाख रुपये का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रेप केसों के शीघ्र निष्पादन के लिए स्पेशल कोर्ट का भी गठन किया गया है। वर्मा ने बताया कि 2006 से अभी तक कुल 217 रिश्वतखोर लोकसेवकों को गिरफ्तार किया गया है।
इस वर्ष अभी तक 23 घूसखोर पकड़े गए हैं। यह अपने आप में रिकार्ड है क्योंकि 1995 से 2005 के दौरान सिर्फ 47 घूसखोर पकड़े गए थे। उन्होंने कहा कि घूसखोरों के बारे में शिकायत करने वालों को विभाग द्वारा पूरी सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसके साथ ही ब्यूरो की कार्यप्रणाली के बारे में भी आम लोगों से राय जानने के लिए सर्वे कराने पर विभाग विचार कर रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।