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अपराधियों की पुलिस प्रमुख को खुली चुनौती, दिन दहाड़े हुई दस लाख की लूट

By Staff
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वाराणसी, 8 मई (आईएएनएस)। वाराणसी में आज पुलिस पूरी तरह चाकचौबंद नजर आई। वजह थी प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी की शहर में मौजूदगी। जो गुरुवार को वाराणसी में मंडल की कानूर व्यवस्था की समीक्षा बैठक करने आए थे, लेकिन कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान ही अपराधियों ने दुर्गा कुंड क्षेत्र में दिनदहाड़े दुस्साहसिक ढंग से दस लाख रुपये लूट कर पुलिस के कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे डाली। लूट दिन में हुई, इलाका भी भीड़भाड़ वाला था, लेकिन लुटेरे भागने में सफल रहे।

लुटे गए रुपये एक फर्म के थे जिसे उसका मुनीम बैंक में जमा करने जा रहा था। जैसे ही मुनीम बैंक के पास पहुंचकर अपनी मोटरसाइकिल खड़ी करने लगा, वैसे ही लुटेरों ने उसे असलेह से सिर पर वार कर घायल कर दिया और नोटों से भरा बैग जो उसकी मोटरसाइकिल के हैंडिल में टंगा था, लेकर भाग गए। घायल मुनीम के शोर मचाने के बाद भी लुटेरे भागने में कामयाब रहे और पुलिस पूरे शहर में लकीर पीटती रही। मुनीम वीरेन्द्र के अनुसार लुटेरे दो थे और मोटरसाइकिल पर सवार थे, जिनकी उम्र लगभग 25 से 30 साल रही होगी।

गौरतलब है कि शहर में दिनदहाड़े लूट तब हुई जब प्रदेश के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी डीजीपी विक्रम सिह और गृह सचिव कुंअर फतेह बहादुर दोनों प्रदेश मेंअपराधों पर नियंत्रण के तमाम दावे कर रहे थे। डीजीपी ने दावा किया कि अब जन शिकायतों का निस्तारण शीघ्र किया जाएगा। जमीन जयदादों पर कब्जा जमानों वालों की अब खर नहीं होगी। पेशवर अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ट्रकों से वसूली पन्द्रह दिनों के अंदर बंद होगी, जिसके लिए सादीवर्दी में एंटी करप्शन के लोगों को तैनात किया जाएगा।

डीजीपी विक्रम सिंह ने स्वीकार किया कि वाराणसी की कानून व्यवस्था की हालत और पुलिसिंग की स्थिति काफी खराब है, जिसमें सुधार की सख्त जरूरत है, जिसे यदि पन्द्रह दिनों के अन्दर ठीक नहीं किया गया तो पुलिस अधिकारियों की खर नहीं होगी। उन्होंने पूरे मंडल से आए पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर कहर बनकर टूट पड़ो। विक्रम सिंह ने कहा कि कार्रवाई इतनी सख्त होनी चाहिए कि अपराधी सलाखों के पीछे होने चाहिए या फिर सूबे से बाहर।

डीजीपी की अपराधियों को ललकारने की कवायद पिछले एक साल से चल रही है, लेकिन न तो वे प्रदेश की कानून व्यवस्था को ठीक कर पाए और न ही अपराधियों पर अंकुश ही लगा पाए।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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