नक्सलियों से भिड़ंत को तैयार गांव
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सेवानिवृत्त फौजी से हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया जा रहा है। प्रशिक्षण ले रहे युवकों में एक अजीब जज्बा है। आईएएनएस द्वारा पूछे जाने पर स्थानीय युवक विवेक ने बताया कि उसने नक्सलियों के तांडव से उबकर सुरक्षा के लिए हथियार उठाया है।
बंदूक चलाने का प्रशिक्षण ले रहे मनोज सिंह एवं रंजय सिंह ने कहा कि उनके भाई को नक्सलियों ने बिना किसी बात के गोली मार दी थी। क्षेत्र के कई ईंट-भट्ठे को भी लेवी के कारण बंद करवा दिया, जबकि ईंट-भट्ठा ही इस इलाके के रोजगार का मुख्य केन्द्र था। नक्सलियों ने क्षेत्र में होने वाले विकास कायरें में बेवजह दखलअंदाजी करनी शुरू कर दी थी तथा विकास कायरें में भी लेवी मांगना शुरू कर दिया था। इसके बाद उन लोगों को मजबूरी में हथियार उठाना पड़ा।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन का सहयोग मिला और हथियारों के लाइसेंस दिए गए। पूर्व जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) एम.आर. नायक एवं सुशील खोपड़े को याद करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि यदि इनका सहयोग न मिलता, तो इस इलाके के ग्रामीण नक्सलियों से मुकाबला किए बगैर पलायन कर जाते।
मालूम हो कि मनोज सिंह बीबीपुर पंचायत के मुखिया भी हैं। उधर, औरंगाबाद के एसपी गणेश कुमार ने कहा कि नक्सलियों से अपने तरीके से लड़ने का सबका हक है। इससे ज्यादा उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार करते हुए कहा कि गैरकानूनी कार्य गलत ही होता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।