महिला आरक्षण बिल संशोधित हो: मायावती
महिला आरक्षण विधेयक पर मुख्यमंत्री के रूख के बारे में कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने संवाददाताओं को जानकारी दी। मायावती ने अपने लिखित वक्तव्य में कहा कि बसपा का शुरू से यह मानना रहा है कि जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी भागीदारी। इस आधार पर महिलाओं की समाज में आधी आबादी होने के नाते उनके लिए राजनीति के हर स्तर पर 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरक्षण विधेयक में इस बात की समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है कि आरक्षण का लाभ सर्व समाज की सभी महिलाओं को मिल सके। इसलिए विधेयक में कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण संशोधन किए जाने चाहिए और महिलाओं को प्रस्तावित 33 प्रतिशत आरक्षण में अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गो को राजनीति में पहले से जो आरक्षण मिला हुआ है उसमें से आरक्षण की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए अर्थात आरक्षण में आरक्षण नहीं होना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।