आईएमए ने की जूस ब्रांड की पैरवी, गैर-सरकारी संगठन ने लताड़ा
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरंमेंट (सीएसई) की निदेशक सुनीता नारायण ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की फलों के रस के एक ब्रांड (ट्रॉपिकाना) को बढ़ावा देने की जम कर आलोचना की है। दूसरी ओर आईएमए ने अपने निर्णय को उचित ठहराया है।
पेप्सिको के साथ आईएमए ने तीन वर्ष का करार किया है। उल्लखनीय है कि आईएमए से 176,000 डॉक्टर संबंद्ध हैं।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, "टॉपिकाना जूस को वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित किया गया है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।"
उन्होंने बताया कि पेप्सिको ने आईएमए के साथ स्वास्थ्य संबंधी अनेक नई शुरुआत की हैं।
आईएमए के एक सूत्र ने बताया कि उन्हें जूस को बढ़ावा देने के लिए 50 लाख रुपए मिले हैं, जो कि आईएमए के सामान्य कोष में जाएंगे।
कुमार ने आईएएनएस को जानकारी दी, "यदि लोग शुद्ध जूस को अपनाएंगे तो फिर वह पेप्सी, मिरिंडा अथवा कोका कोला जैसे अन्य पेय को छोड़ देंगे।"
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक कमेटी, राष्ट्रीय कार्यकारी कमेटी और आईएमए द्वारा पारित होने पर ही इस ब्रांड को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
दूसरी ओर नारायण का कहना है, "ट्रॉपिकाना और अन्य किसी फलों के जूस में क्या अंतर है ? इस विशेष ब्रांड को बढ़ावा क्यों दिया जा रहा है ?" वह इसे "विज्ञापन की युक्ति" कहती हैं।
आईएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक डॉक्टर किसी ब्रांड को बढ़ावा नहीं दे सकता जबकि एक संस्था के तौर पर आईएमए यह कर सकती है। इससे पूर्व यूरेका फोर्ब्स को बढ़ावा दिया जा चुका है।
कुमार कहते हैं, "क्या लोगों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के बारे में बताना अपराध है ? यह उत्पाद वैज्ञानिक कसौटियों पर मापे गए हैं। हम किसी रॉयल चैलेंज या मैकडोनाल्ड (मदिरा उत्पाद) की पैरवी नहीं कर रहे हैं, जैसा कि क्रिकेट में हो रहा है।"
इस तथ्य के जवाब में नारायण का कहना है कि यदि उन्हें पेप्सी का विज्ञापन देखना ही होगा तो वह उसमें एक डॉक्टर के स्थान पर किसी फिल्मी सितारे को देखना पसंद करेंगी।
गौरतलब है कि कुछ वर्ष पूर्व पेप्सी और कोका कोला के पेय पदार्थो में कीटनाशक पाए गए थे। इस विवाद के बाद सरकार ने दोनों कंपनियों के पेय पदार्थो की बोतलों के लिए कड़े मानक लागू किए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।