कीमतों में कमी के एवज में सरकार इस्पात उत्पादों पर से निर्यात शुल्क वापस ले (लीड)
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। विभिन्न इस्पात कंपनियों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि सरकार कीमतों में कमी के एवज में इस्पात उत्पादों पर से निर्यात शुल्क वापस ले।
इस्पात कंपनियों की ओर से यह मांग एक प्रतिनिधिमंडल ने आज प्रधानमंत्री से की । प्रतिनिधिमंडल में स्टील अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू, एस्सार स्टील व इस्पात इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्रतिनिधि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान देश में बढ़ रही महंगाई के प्रति सरकार की चिंता से सहमति जताई।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री से इस्पात पर जारी आयात शुल्क में भी कटौती और साथ ही इस्पात निर्मित कच्चे माल व अन्य उत्पादों पर लगने वाले माल भाड़े को भी मौजूदा स्तर पर बरकरार रखने की मांग की ।
प्रधानमंत्री ने कीमतों में कमी करने के लिए इस्पात उद्योग की सराहना की और आश्वासन दिया कि सरकार उनके प्रस्तावों पर विचार करेगी।
इससे पूर्व इस्पात मंत्रालय में सचिव राघव शरण पाण्डेय के साथ हुई बैठक के बाद विभिन्न इस्पात कंपनियों ने आज इस्पात व इस्पातजन्य उत्पादों की कीमतों में दूसरी बार कमी की घोषणा की।
बैठक के बाद स्टील अथारिटी आफ इंडिया सेल के चेयरमैन एस.के. रूंगटा के अनुसार कंपनियों ने विभिन्न इस्पात व इस्पातजन्य उत्पादों पर 2,000 से 4,000 रुपये प्रति टन कमी की घोषणा की है।
रूंगटा ने बताया कि इस्पात के चादरों पर कीमतों में 4,000 रुपये प्रति टन जबकि छड़ों पर 2,000 रुपये प्रति टन की कमी की गई है। कीमतों में कमी तीन महीनों के लिए प्रभावी होगी।
इससे पहले भी अप्रैल में इस्पात कंपनियों के द्वारा कीमतों में 2,000 रुपये प्रति टन तक की कटौती की गई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।