इंटरनेट से आपदा पीड़ितों को मदद पहुंचाने की पहल
बंगलौर, 7 मई (आईएएनएस)। म्यांमार में नरगिस तुफान के कारण हुई भारी तबाही ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया है कि हम प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने में कितना अक्षम हैं, लेकिन कु छ विद्वानों का मानना है कि इंटरनेट के माध्यम से इन आपदाओं का सामना करने में लोगों की मदद की जा सकती है।
बंगलौर, 7 मई (आईएएनएस)। म्यांमार में नरगिस तुफान के कारण हुई भारी तबाही ने हमें एक बार फिर याद दिला दिया है कि हम प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने में कितना अक्षम हैं, लेकिन कु छ विद्वानों का मानना है कि इंटरनेट के माध्यम से इन आपदाओं का सामना करने में लोगों की मदद की जा सकती है।
सूचना-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कुछ विद्वानों ने स्वयं सेवकों की सहायता से 'वर्ल्डवाइडहेल्प डॉट ब्लॉगस्पॉट डॉट काम' नामक एक ब्लॉग बनाया है। यह ब्लॉग प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में लोगों की मदद करेगा।
गौरतलब है कि 2004 में आए सुनामी और इसी तरह की प्राकृतिक आपदाओं ने तकनीकों के विकास पर विशेष जोर दिया है।
मुंबई में इस ब्लॉग के लिए काम कर रहे पीटर ग्रीफि न ने बताया, "हम म्यांमार में आए नरगिस तूफान के बाद वहां की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
अगर आपको वहां की स्थितियों की विश्वसनीय जानकारी है और आपको पता है कि वहां किस तरह की मदद की जरूरत है तो अपने विचार टिप्पणी के रूप में हमारे ब्लॉग में दर्ज कीजिए।"
उन्होंने बतया कि यह समूह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है। उनके इस ब्लॉग में कुछ भारतीय भी हैं, लेकिन उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की कौन किस देश का है। इस ब्लॉग की शुरुआत करने वाले तीनों व्यक्ति भारतीय हैं।
इस ब्लाग की स्थापना 'साउथ एशियन अर्थक्वेक एंड सुनामी' (एसईएईएटी) ब्लाग के कुछ सदस्यों द्वारा की गई। 26 दिसंबर 2004 को सुनामी आने के बाद पहली बार इस ब्लॉग ने दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा।
गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदाओं के बारे में जानकारियां उपलब्ध कराने वाले कुछ अन्य ब्लॉग भी हैं जैसे 'द साउथ ईस्ट एशियन अर्थक्वेक एंड सुनामी ब्लॉग', 'द सुनामी हेल्प विकी', 'सुनामी एंक्याइरी एंड हेल्पलाइंस आर इमरजेंसी सर्विस' आदि कई ब्लॉग इस पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।