आईएईए के साथ समझौते पर वाम में दरार
नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ समझौता करने की अनुमति देने को लेकर वाम दलों के बीच मतभेद सतह पर आ गए हैं।
सूत्रों के अनुसार अमेरिका के साथ नागरिक परमाणु समझौते पर विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार को विदेशमंत्री प्रणव मुखर्जी के निवास पर हुई यूपीए व वाम दलों की बैठक में आईएईए के साथ समझौते की स्वीकृति पर वामदल एकमत नहीं थे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) महासचिव एबी बर्धन सहित वाम दलों का एक धड़ा सरकार को आईएईए के साथ समझौते की अनुमति के पक्ष में नहीं था।
गौरतलब है कि आईएईए के साथ करार का मसौदा तैयार हो चुका है लेकिन सरकार ने अपने महत्वपूर्ण सहयोगी वामदलों के अनुमोदन के बिना समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्णय लिया है।
वामदलों को भय है कि यदि एक बार आईएईए के साथ समझौता हो गया तो असैनिक परमाणु करार बिना किसी बाधा के संपन्न हो जाएगा।
सूत्रों के अनुसार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा) के महासचिव प्रकाश करात ने मंगलवार की बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वाम नेताओं को आश्वस्त किया सरकार समझौते पर हस्ताक्षर के पूर्व संसद की सहमति प्राप्त करेगी।
गौरतलब है कि आईएईए के साथ सेफगार्ड समझौते के बाद परमाणु करार को अमेरिकी संसद से पारित कराने के पहले 45 देशों वाले परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) को अपने निर्देशों में संशोधन करना होगा।
सूत्रों के अनुसार विदेश मंत्री ने वामदलों को आश्वासन दिया कि इस महीने के अंत में होने वाली उनकी रूस यात्रा में वह रूस के साथ भी नागरिक परमाणु सहयोग समझौते का प्रस्ताव तैयार करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।