अखिलेश दास ने कंग्रेस से इस्तीफा दिया
फिलहाल सूबे में सत्तारूढ़ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में उनके प्रवेश को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। दास के कांग्रेस से इस्तीफे के कारणों को लेकर कई तरह की बातें की जा रही है, लेकिन पार्टी में आमधारणा यही है कि कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से नाराजगी उनके पार्टी छोड़ने की मुख्य वजह है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. रीता बहुगुणा जोशी से भी उनके रिश्ते मधुर नहीं थे। प्रदेश में कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में इसकी झलक देखने को मिलती थी। उत्तर प्रदेश में वर्ष 1979 में मुख्यमंत्री रहे बाबू बनारसी दास के बेटे अखिलेश दास ने कांग्रेस की राजनीति में अपनी जगह पहली बार वर्ष 1999 में तब बनाई जब वह लखनऊ के महापौर बने।
इसके बाद वे दो बार राज्यसभा सदस्य बने। दो साल पहले वह केन्द्र में इस्पात राज्य मंत्री बनाए गए थे। दास के कांग्रेस से इस्तीफे का असर लखनऊ कांग्रेस पर अवश्य पड़ेगा। दरअसल, लखनऊ नगर निगम में कांग्रेस के 22 सभासदों में अखिलेश के करीबी माने जाने वाले 12 सदस्य हैं।
विधान परिषद सदस्य नसीब पठान और लखनऊ महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष अचल मल्होत्रा भी उनके करीबी माने जाते हैं। दास लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बेताब हैं। इसके लिए वह पहले से ही पार्टी के समानांतर गतिविधियां चला रहे थे।
'लखनऊ विकास मंच' के बैनर तले ये सभी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय में एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ उनकी नजदीकी के कारण इस बात की अटकलें अधिक लगाई जा रही है कि वह बसपा की ओर मुड़ सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस