भारतीय न्यायपालिका आज भी जीवित है : श्रीकुमार
अहमदाबाद, 3 मई (आईएएनएस)। गुजरात सरकार के साथ कानूनी जंग में जीत हासिल करने वाले अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारी आर. बी. श्रीकुमार का कहना है कि भारतीय न्यायपालिका आज भी जीवित है और उन्हें इसमें पूरा भरोसा है।
अहमदाबाद, 3 मई (आईएएनएस)। गुजरात सरकार के साथ कानूनी जंग में जीत हासिल करने वाले अवकाश प्राप्त पुलिस अधिकारी आर. बी. श्रीकुमार का कहना है कि भारतीय न्यायपालिका आज भी जीवित है और उन्हें इसमें पूरा भरोसा है।
श्रीकुमार ने कहा, "इस जीत से यह बात सिद्ध हो गई कि न्याय मिलने में देरी हो सकती है लेकिन अंत में न्याय मिलता ही हैं, जबकि कुछ लोग जंग से पहले ही हार मान लेते हैं।"
दरअसल, नरेन्द्र मोदी सरकार ने श्रीकुमार से कनिष्ठ अधिकारी के. आर. कौशिक को पुलिस महानिदेशक बना दिया था। राज्य सरकार का कहना था कि श्रीकुमार के विरूद्ध कच्छ की अदालत में एक आपराधिक मामला वर्ष 1987 से ही लंबित था।
श्रीकुमार के इस बयान से दो दिन पहले राज्य सरकार ने उन्हें 23 फरवरी 2005 से बतौर पुलिस महानिदेशक मानने और उन्हें सारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाने का नोटिफिकेशन जारी किया था।
राज्य सरकार ने श्रीकुमार के विरूद्ध 700 पृष्ठों का आरोप पत्र तैयार किया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने केंद्र और राज्य संबंधों की अवेहलना की थी। इसके साथ ही उन्हें कुछ खुफिया रिपोर्टों को भी लीक करने का आरोपी बनाया गया था।
अपनी जीत को लेकर प्रसन्न श्रीकुमार ने कहा, "मैं गांधी के विचारों का विद्यार्थी रहा हूं, मैं इस बात पर यकीन रखता हूं कि अंत में जीत सत्य की होती है। गांधी जी ने भी कहा कि यदि आप बदलाव चाहते हैं तो बदलाव का हिस्सा बन जाएं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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