एड्स रोकने के लिए तमिलनाडु को एक अरब रुपये
चेन्नई, 3 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु को जिला स्तर पर एचआईवी/एड्स रोकने के लिए नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम (एनएसीपी) की ओर से 1 अरब रुपये (2.5 करोड़ डॉलर) की राशि प्राप्त हुई है।
इस राशि से राज्य अपने यहां एड्स की रोकथाम के लिए इकाइयां स्थापित करेगा।
इस बीमारी के संबंध में जिलाधिकारियों की पहली बैठक में नेशनल एड्स कंट्रोल प्रोग्राम (एनएसीओ) के संयुक्त निदेशक दामोदर बछानी ने कहा, "एनएसीपी के तीसरे फेज़ के इस कार्यक्रम का जोर रोकथाम पर होगा।"
उन्होंने कहा कि एनएसीपी अब देश भर में जिला स्तर पर एचआईवी/एड्स के मामलों की रोकथाम और उपचार करेगा।
गौरतलब है कि तमिलनाडु में एड्स का पहला मामला 1986 में सामने आया था। यहां 1990 के दशक में यहां एड्स के सर्वाधिक मामले रहे। गत एक दशक से यहां इन मामलों में कमी देखी जा रही है।
बछानी ने आईएएनएस को बताया, "तमिलनाडु पहला ऐसा राज्य है जहां जिला स्तर पर एचआईवी/एड्स के प्रभाव, रोकथाम और उसकी सफलता का बाकायदा आकलन किया गया है।"
उल्लेखनीय है कि एनएसीपी के अंतर्गत देश के प्रत्येक जिलों में एचआईवी की सघनता के आधार पर उन्हें ए, बी और सी श्रेणी में बांटा गया है।
तमिलनाडु की स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की निदेशक सुप्रिया साहु के अनुसार प्रदेश के 31 जिलों में 22 को 'ए', पांच को 'बी' और चार को 'सी' की श्रेणी में रखा गया है।
एड्स/एचआईवी की सघनता को देखते हुए देश भर के करीब 190 जिलों को भी 'ए' श्रेणी में रखे गए हैं।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव वी. के. सुब्बुराज के अनुसार राज्य में पेशेवर रक्तदाताओं से रक्त लेना बंद कर दिया गया है। राज्य के ब्लड बैंकों में शीघ्र ही नब्बे प्रतिशत रक्त स्वयंसेवी रक्तदान करने वालों से ही लिया जाएगा। इससे एचआईवी संक्रमण के मामलों में कमी आएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।