उप्र में प्रशासकीय विवाद निस्तारण फोरम गठित होगा
लखनऊ , 3 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में विभिन्न न्यायालयों में सेवा संबंधी वादों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इनके त्वरित निस्तारण के लिए प्रदेश में पहली बार एक प्रशासकीय विवाद निस्तारण फोरम का गठन किया जाएगा। यह घोषणा राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सतीश चन्द्र मिश्रा ने की।
सलाहकार परिषद के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री द्वारा गठित उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष सतीश चन्द्र मिश्रा ने आज लम्बित वादों के निस्तारण के सम्बन्ध में एक बैठक में प्रशासकीय विवाद निस्तारण फोरम के गठन की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इस फोरम में विभागीय प्रमुख सचिव एवं सचिव के साथ न्याय एवं वित्त विभाग के अधिकारी तथा आवश्यकतानुसार अन्य संबंधित विभागों के सचिव सदस्य होंगे। प्रतिदिन लंबित वादों की सुनवाई कर निस्तारण कराने हेतु आवश्यकतानुसार मंत्रिपरिषद का भी निर्णय प्राप्त करने हेतु नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की पहल पर अभियान चलाकर लगभग 58694 वादों में प्रति शपथ-पत्र न्यायालयों में दाखिल किए जा चुके हैं। न्यायालयों में लम्बित लगभग 9,040 सेवा सम्बन्धी प्रकरणों की पैरवी कर निस्तारण कराया जा चुका है। सरकारी कर्मचारियों को राहत देते हुए लम्बित 1961 मामलों में विभागीय कार्रवाई को समाप्त किया गया है।
उन्होंने प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए कि विभागवार वादों की प्रकृति सम्बन्धी सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराएं और सेवा सम्बंधी विशेषकर निलम्बन व प्रतिकूल प्रविष्टियों के निस्तारण में सकारात्मक रुख अपनाएं ताकि ऐसे प्रकरणों में कर्मियों को विवश होकर न्यायालयों में न जाना पड़े।
बैठक में मुख्य सचिव प्रशान्त कुमार मिश्र, महाधिवक्ता ज्योतिन्द्र मिश्र, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शैलेश कृष्ण, प्रमुख सचिव न्याय एस. एम. ए. आब्दी, प्रमुख सचिव गृह फ तेह बहादुर सहित अन्य विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।