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महंगाई के खिलाफ राजग की हड़ताल कहीं हिट तो कहीं फ्लाप (लीड1)

By Staff
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नई दिल्ली, 2 मई (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानसभा चुनावों के ठीक आठ दिन पहले महंगाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन कर चुनावी बढ़त बनाने की भरपूर कोशिश की लेकिन जनता की ओर से उसे आशा के अनुरूप समर्थन नहीं मिला। अलबत्ता भाजपा ने इस हड़ताल को सफल करार दिया।

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेक र ने कहा, "हड़ताल पूरी तरह सफल रही है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार अब या तो महंगाई से लोगों को निजात दिलाए या फिर गद्दी छोड़े।"

बहरहाल, राजग की देशव्यापी हड़ताल का आज मिला जुला असर दिखाई दिया। कुछ राज्यों में यह हिट रही तो कुछ में बुरी तरह फ्लाप भी। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दक्षिण के वामदलों के शासन वाले राज्य केरल और उत्तर पूर्व के कांग्रेस शासित राज्य असम में इसका व्यापक असर दिखा।

केरल में चूंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की अच्छी खासी तादाद है। माना जा रहा है कि इसीलिए वहां हड़ताल सबसे अधिक सफल हुई। वहां की सड़कें खाली रहीं और दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हड़ताल के कारण वहां जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। अधिकांश सरकारी वाहन सड़कों से नदारद रहे।

उत्तर भारत के भाजपा शासित राज्यों को छोड़ दिया जाए तो शेष राज्यों में हड़ताल का मिला जुला असर रहा। कुछ राज्यों में तो हड़ताल पूरी तरह फ्लाप शो साबित हुई।

हड़ताल का असर उत्तर पूर्वी राज्य असम में भी देखा गया। राज्य के कई हिस्सों में परिवहन सेवा बाधित रही जबकि दुकानें व व्यापारिक प्रतिष्ठान भी इस दौरान बंद रहे। दरअसल, वहां भारत बंद की अफवाह फैल जाने के कारण कई स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी की घोषणा कर दी गई थी। अधिकांश सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति कम दर्ज की गई।

तमिलनाडु के कुछ इलाकों में बंद का अच्छा खासा असर दिखा। पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन समेत भाजपा के 40 से अधिक कार्यकर्ताओं को यहां गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य में हड़ताल का ज्यादा असर भाजपा के प्रभाव वाले कन्याकुमारी जिले में देखा गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने यहां न सिर्फ परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया बल्कि सरकारी बसों पर पथराव भी किया। कुछ जगहों पर भाजपा और द्रमुक कार्यकर्ताओं के आपस में भिड़ने की भी खबर है।

राजधानी दिल्ली में देशव्यापी हड़ताल का मिला-जुला असर रहा। राजधानी के कुछ हिस्सों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। लेकिन सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बाधित नहीं किया गया। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति सामान्य रही पर छोटे और मझले दुकानदारों ने बड़े पैमाने पर अपनी दुकानें बंद रखीं

बिहार के सत्ताधारी जनता दल-युनाइटेड व भाजपा गठबंधन के नेताओं ने मानव श्रृंखला बनाई तथा इस दौरान सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को दिन के 11 बजे तक बंद रखा। बंद का असर पटना और आस पास के इलाकों में ज्यादा दिखा।

हड़ताल के आह्वान का भाजपा शासित राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में खासा असर दिखा। इन प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में व्यापारिक प्रतिष्ठान पूरी तरह बंद रहे। हालांकि आम जनजीवन सामान्य तौर पर चलता रहा।

उत्तर-प्रदेश में हड़ताल का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। हरियाणा और पंजाब में यही स्थिति रही। स्वेच्छा से व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने के आह्वान का प्रदेश के विभिन्न शहरों में कुछ जगहों पर आंशिक असर देखने को मिला। इन राज्यों में हड़ताल का कार्यक्रम फ्लाप शो की तरह रहा।

भाजपा संसदीय दल के उपनेता विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा, "हमने इस हड़ताल का आयोजन करते हुए यह सुनिश्चित किया कि आम आदमी को इसके कारण कोई परेशानी न झेलनी पड़े। भाजपा व राजग शासित राज्यों में हमने मानव श्रृंखला बनाकर महंगाई का विरोध किया।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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