चीनी लैंपों से फायदे कम, नुकसान ज्यादा
अहमदाबाद, 2 मई (आईएएनएस)। सजावट के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी लेम्प भले ही दिखने में आकर्षक और इस्तेमाल के मामले में सस्ते हों, पर वे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं।
सजावटी लैंपों पर उपभोक्ता शिक्षा और शोध सोसाइटी (सीईआरएस) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में यह तथ्य उभरकर आया है कि चीनी लैंप अत्यंत घटिया दर्जे के कांच से बने होते हैं और वे स्वास्थ्य पर भी बुरा असर करते हैं।
गौरतलब है कि इन सजावटी लैंपों का इस्तेमाल त्योहारों और शादियों में सामान्य तौर पर किया जाता है।
सीईआरएस प्रयोगशाला में छह विभिन्न प्रकार के लैंपों की सुरक्षा, उनकी क्षमता और बिजली की खपत के 41 परीक्षण किए गए हैं।
सीईआरएस ने परीक्षण में पाया कि छह में से पांच मूलत: चीनी लैंप थे और एक स्थानीय निर्मित था। ये सभी लैंप दो-पिन वाले थे। ये पिन प्लग में ढीले और जल्दी गर्म हो जाते थे जिसके कारण आग लगने की संभावना भी बढ़ जाती है। परीक्षण में देखा गया कि इन ढीले प्लगों से बच्चों में दुर्घटनाओं की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि लैंप के कार्टन में कई बार पैकेज्ड कमोडिटी रूल (पीसीआर) का उल्लेख भी नहीं रहता है और उसके वजन आदि भी एक्ट के मानदंडों पर खरे नहीं उतरते हैं।
सीईआरएस ने बताया कि इन लैंपों की कीमत भी बहुत अधिक होती है, हालांकि ये अधिक कार्यकुशल होते हैं और बिजली की बचत करते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।