देवबंद के फतवे का भाजपा ने किया स्वागत
भाजपा का कहना है कि गोवंश के वध को नाजायज और हराम ठहराने की सबसे अहम वजह देश के बहुसख्यक हिंदुओं की गाय के प्रति धार्मिक आस्था ही होनी चाहिए जिसका फतवे में उल्लेख नहीं है।
देवबंद के फतवा विभाग के प्रमुख मुती हबीबुर्ररहमान ने कहा कि इस्लाम की मान्यता के अनुसार गाय और बैल काटना जायज है, लेकिन इस्लाम का यह भी कहना है कि देश में अगर वहां की सरकार ने इस पर पाबंदी लगा रखी है, तो चोरी छुपे इस काम को करना नाजायज और हराम है।
भाजपा ने इस फतवे का स्वागत तो किया, लेकिन वह इससे संतुष्ट नहीं है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि अगर सरकारी प्रतिबंध न हो, तो क्या तब हिन्दुओं की भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाना चाहिए। कानून कहे अथवा न कहे इस देश में गोवंश को केवल इसलिए नहीं काटा जाना चाहिए क्योंकि बहुसंख्यक हिन्दू गाय को 'माता' का दर्जा देता है।
उधर विहिप ने देवबंद के इस फतवे को कथनी करनी का अंतर बताया है। विहिप के अवध प्रांत के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि अगर देवबंद गोवंश को लेकर वास्तव में यही विचार रखता है, तो वह क्यों नहीं बूचड़खाने चलाने वाले मुसलमानों से गोवंश का वध न करने के लिए कहता है, जहां भारी संख्या में अवैध रूप से रोज गोवध हो रहा है।
गौरतलब है कि देवबंद ने अपने ताजा फतवे में गाय, बैल व बछड़े को मारने और चोरी छुपे उसका मांस बेचने को नाजायज व हराम करार दिया था। यह फतवा हाजी मोहम्मद इसरार नामक व्यक्ति के उठाए गए सवाल के बाद आया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस