नाबार्ड ने मध्य प्रदेश के प्रस्ताव रोके
भोपाल, 1 मई (आईएएनएस)। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने केन्द्रीय बजट में कृषि ऋण माफी की घोषणा तो कर दी गई है मगर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी न होने से मध्य प्रदेश में ऋण वितरण की कोई योजना नहीं बन पा रही है। साथ ही राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने धन राशि के प्रस्तावों पर विचार तक करने से इंकार कर दिया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर प्रदेश की परिस्थितियों से अवगत कराया। पत्र में कहा गया है कि केन्द्रीय बजट में कर्ज माफी की सूचना ने किसानों के मन में उम्मीद जगा दी थी, मगर अब वही उम्मीद चिंता और शंका का रूप ले लिया है।
प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि सहकारी वित्तीय संस्थाओं को घोषणा के बाद से पुराने ऋणों की वसूली को प्राय: रोकना पड़ा है। दूसरी तरफ दिशा निर्देर्शो के अभाव में खरीफ मौसम के अभाव में ऋण वितरण की कोई कारगर योजना नहीं बन पा रही है। इतना ही नहीं नाबार्ड ने भी चालू वर्ष के लिए धन राशि के प्रस्तावों पर विचार करने से मना कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने इन स्थितियों को चिन्ताजनक बताते हुए पत्र में लिखा है कि आने वाले कुछ हफ्तों में यदि ऐसे ही हालात रहे तो खरीफ कायरें के लिए दिए जाने वाले ऋण की प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इससे फसलों की बुआई तथा उत्पादन तक प्रभावित हो सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह इस मामले में स्वयं हस्तक्षेप कर मंत्रालयों को शीघ्र ऋण माफी से संबंधित विवरण जारी करने का निर्देश दें।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।