पैगम्बर पर सवाल को लेकर मचे बवाल पर रांची में तनाव (लीड)
रांची, 1 मई (आईएएनएस)। रांची विश्वविद्यालय की एक परीक्षा में पैगम्बर मोहम्मद के संबंध में पूछे गए एक सवाल को लेकर यहां के अल्पसंख्यक समुदाय ने बवाल खड़ा कर दिया। यह लोग सड़कों पर उतर आए और विश्वविद्यालय सहित शहर के कई प्रमुख इलाकों में तोड़फोड़ की। घटना के बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है।
बताया जाता है कि बुधवार को रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर (एम. ए) द्वितीय वर्ष की इतिहास परीक्षा में पैगम्बर मोहम्मद से संबंधित एक विवादास्पद प्रश्न पूछा गया था। इस सवाल को लेकर कल से ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में आक्रोश व्याप्त था।
आज सुबह 10 बजे लोगों का यह आक्रोश फूट पड़ा और हजारों की संख्या में उक्त समुदाय के लोगों ने रांची के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सड़कों पर खड़ी कई मोटरसाईकिल व कारों को अपना निशाना बनाया। बाद में प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर पहुंच कर तोड़-फोड़ शुरू कर दी।
पुलिस द्वारा आक्रोशित लोगों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज भी किया गया। लाठी चार्ज के बाद आक्रोशित लोगों ने फिरायालाल चौक के पास मुख्य सड़क को करीब तीन घंटे तक जाम रखा। घटना के बाद रांची की स्थिति विस्फोटक बनी हुई है।
इस संबंध में रांची के उप जिलाधिकारी नरेश कुमार का कहना है कि दो प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। लाठी चार्ज की बात को उन्होंने सिरे से नकार दिया है।
प्रदर्शनकारी अब्दुल हमीद का कहना है कि हमारी मांग है कि प्रश्नपत्र में प्रश्न चयन करने वाले प्रोफेसर को निलंबित किया जाए और उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
इधर, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति ए. एच. खान ने प्रश्न पत्र में पूछे गये पैगम्बर मोहम्मद से संबंधित प्रश्न को विवादस्पद बताया है और कहा है कि यह प्रश्न पत्र अन्य विश्वविद्यालय के प्रोफेसर द्वारा सेट किया गया था।
इससे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने आपात बैठक कर इतिहास विषय की परीक्षा ही रद्द कर दी। विवादास्पद सवाल पैगम्बर मोहम्मद के जीवन से संबंधित था।
कुलपति खान ने इस मामले की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस घोषणा से पहले खान ने राज्य के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से मुलाकात की।
उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने सभी सम्प्रदायों से शांति की अपील की है तथा प्रश्न पत्र सेट करने वाले प्रोफेसर पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।