मणिपुर में एड्स से लड़ रही हैं नंदादेवी
नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। नशे के आदी लोगों के बीच सिरिंज बांटना सामान्य रूप से एड्स से लड़ने का सही तरीका नहीं माना जा सकता है।
नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। नशे के आदी लोगों के बीच सिरिंज बांटना सामान्य रूप से एड्स से लड़ने का सही तरीका नहीं माना जा सकता है।
पर मणिपुर की एन. नंदादेवी लोगों को एचआईवी एड्स का शिकार होने से बचाने के लिए लगातार सिरिंज बांट रही हैं। इसके लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया जा चुका है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा 'आदर्श स्त्री' पुरस्कार पाने राजधानी पहुंचीं नंदादेवी ने आईएएनएस को बताया, "लंबे समय तक यदि आप मेरे साथ काम करते तो समझ पाते कि सिर्फ प्रवचन देना किसी भी परेशानी का हल नहीं हो सकता।"
उन्होंने कहा, "एचआईवी के फैलने का एक कारण एक ही सिरिंज का इस्तेमाल भी है। जब हम लोगों के बीच जाते हैं तो उन्हें एक ही बार इस्तेमाल होने वाले (डिस्पोजिबल) सिरिंज के विषय में बताते हैं और उन्हें डिस्पोजिबल सीरिंज मुफ्त देते भी हैं।
इस तरह कम से कम एक ही सिरिंज के इस्तेमाल से एचआईवी की चपेट में आने से तो वे बच जाएंगे।"
गौरतलब है कि दुबली पतली 45 वर्षीय यह स्त्री इम्फाल स्थित 'मणिपुर स्वयंसेवी स्वास्थ्य संघ' की अध्यक्ष हैं।
देश के लगभग 40,000 एचआईवी मरीजों में से 25 लाख लोग उत्तरपूर्वी इलाकों के हैं।
नंदादेवी बताती हैं, "मणिपुर में 25,000 से ज्यादा लोग एचआईवी एड्स से पीड़ित हैं। इनमें 15 साल तक के बच्चे भी हैं।"
समाज सेवा में 20 साल बिता चुकीं नंदादेवी ने अब तक 700 स्वास्थ्यकर्मी तैयार कर लिए हैं जो एड्स के प्रति लोगों को जागरुक करने में जुटे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।