मध्य प्रदेश की सरकार उपवास पर
प्रदेश सरकार का आरोप हैं कि केन्द्र सरकार ने एक तरफ बिजली की आपूर्ति में कटौती की हैं वहीं मध्य प्रदेश की विद्युत उत्पादन इकाइयों को मिलने वाला कोयले का कोटा भी कम कर दिया हैं। इतना ही नहीं सूखा व अकाल राहत में भी केन्द्र की मदद नहीं मिल रही हैं। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को केन्द्र की ओर से पर्याप्त अनाज का आवंटन नहीं किया जा रहा हैं।
भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपवास शुरू करने से पहले केन्द्र सरकार और उसकी नीतियों पर जमकर हमले बोले। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट के लिए पूरी तरह केन्द्र सरकार जिम्मेदार हैं। इतना ही नहीं इस प्रदेश में 62 लाख से अधिक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार हैं मगर केन्द्र से जो अनाज दिया जा रहा हैं वह सिर्फ 42 लाख परिवारों के लिए ही हैं। केन्द्र सरकार को इन गरीबों के मामले में अपना नजरिया स्पष्ट करना चाहिए।
मुख्यमंत्री का कहना हैं कि केन्द्र सरकार के भेदभव पूर्ण रवैये के चलते संघीय ढांचा तक ध्वस्त होने का खतरा मंडराने लगा हैं। केन्द्र सरकार मध्य प्रदेश की जनता के साथ अन्याय कर रही हैं। वे इस अन्याय को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। केन्द्र की कुंभकर्णी नींद को तोड़ने के लिए ही उपवास पर बैठे हैं। बुंदेलखंड में सूखे ने हाहाकार मचा दिया हैं। केन्द्रीय सूखा अध्ययन दल भी राहत देने की सिफारिश कर चुका हैं मगर केन्द्र सरकार किसी भी तरह की मदद करने को तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आरोप हैं केन्द्र सरकार मध्य प्रदेश की जनता के साथ राजनीति का खेल, खेल रही हैं। उन्होंने हमेशा शालीनता की राजनीति को स्थान दिया हैं इसीलिए वे आज उपवास पर बैठे हैं। सिंह का यह उपवास 24 घंटे का हैं और गुरुवार को 11 बजे खत्म होगा। उपवास के दौरान किसी नेता के भाषण तो नहीं हो रहे हैं मगर राम धुन और भजन कीर्तन का दौर जारी हैं।
पार्टी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने सीधी जिले में केन्द्र सरकार के खिलाफ उपवास शुरू कर दिया हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार के तमाम मंत्री और भाजपा संगठन के प्रमुख पदाधिकारी प्रदेश के विभिन्न जिलों में उपवास पर बैठे हुए हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस