शरीफ, ज़रदारी की वार्ता जारी, सकारात्मक संकेत मिले (लीड-1)
दुबई/इस्लामाबाद, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के बीच बुधवार की बातचीत के सकारात्मक आसार दिखाई दिए।
दुबई/इस्लामाबाद, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी के बीच बुधवार की बातचीत के सकारात्मक आसार दिखाई दिए।
दोनों नेताओं की दुबई में बैठक पिछले नवंबर में राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ द्वारा बर्खास्त न्यायाधीशों की बहाली के मामले पर चल रही है।
इससे पूर्व न्यायाधीशों की बहाली के मुद्दे पर पाकिस्तान के सत्तारूढ़ गठबंधन पर संकट के बादल दिखाई दे रहे थे।
शरीफ ने कहा, "बातचीत जारी है और मुझे पूरा यकीन है कि इसका सकारात्मक नतीजा निकलेगा।"
बुधवार को दोनों पक्षों के बीच दोपहर के भोजन के समय बातचीत हुई। इसके बाद शाम की चाय पर भी बैठक जारी रही।
इस मौके पर जरदारी से बर्खास्त न्यायाधीशों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सीधी टिप्पण्ी से बचते हुए कहा, "हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है और हमारे बीच कोई मतभेद नहीं हैं।"
इससे पहले शरीफ ने एआरवाई टेलीविजन नेटवर्क को कहा था, "मुशर्रफ इन हालात (अनिर्णित बातचीत) पर हंस रहे होंगे। लेकिन उन्हें ज्यादा नहीं हंसना चाहिए क्योंकि हमारा गठबंधन चलता रहेगा। मैं संसद में जम्हूरियत के लिए काम करूंगा।"
उन्होंने कहा कि वह किसी तरह के दबाव में नहीं हैं।
दुबई पहुंचने पर शरीफ ने कहा था कि फैसला करने के लिए बेशक बहुत कम समय है, लेकिन उन्हें उम्मीद है बैठक में कोई नतीजा निकल आएगा।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी चैनल जियो टीवी ने सूचना दी थी कि पीएमएल-एन नेताओं ने बातचीत का कोई हल नहीं निकलने की सूरत में गठबंधन छोड़ने की बात कही थी।
पीएमएल-एन मुशर्रफ के फैसलों को बदलना चाहती है। दूसरी ओर पीपीपी संवैधानिक संशोधनों और न्यायाधीशों की बहाली को लेकर इतनी उत्साहित नहीं है।
पीएमएल-एन के अनुसार न्यायाधीशों की बहाली में देर से जनता और कानून के कार्यकर्ताओं पर विपरीत असर पड़ेगा।
ताजा हालात के अनुसार दोनों दलों के बीच न्यायाधीशों की बहाली की कार्यविधि को लेकर गहरे मतभेद हैं।
इसके अतिरिक्त पीपीपी राष्ट्रपति की शक्तियों को कम करने वाले संवैधानिक संशोधनों के भी हक में नहीं है। पीएमएल-एन इन दो मुद्दों को जोड़ना नहीं चाहती।
गौरतलब है कि गत माह सरकार के गठन के अवसर पर दोनों दलों ने बर्खास्त न्यायाधीशों को सत्ता संभालने के 30 दिनों के भीतर बहाल किए जाने की घोषणा की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।