भारत-ईरान संबंधों से किसी को चिंतत होने की जरूरत नहीं : मेनन
नई दिल्ली , 30 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत और ईरान के संबंधों को लेकर किसी तीसरे देश को चिंतित होने की जरूरत नहीं हैं। मंगलवार को ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद की संक्षिप्त यात्रा के बाद विदेश सचिव शिवशंकर मेनन ने एक संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कही।
उन्होंने कहा, "इससे नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह दो देशों के बीच जारी आपसी संबंधों को मजबूत बनाने की प्रक्रिया है।"
मेनन ने ईरान के पामाणु कार्यक्रम पर भारत के दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि ईरान को शांतिपूर्ण कार्यो के लिए परमाणु ऊर्जा का प्रयोग करने का अधिकार है। लेकिन उसे अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निर्देशों को पूरा करना चाहिए।
इसके पहले राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने संवाददाताओं से बातचीत में स्वीकार किया कि भारत द्वारा 2005 में पहली बार आईएईए की बैठक में उसके खिलाफ वोट देने से ईरान को परेशानी हुई थी। लेकिन वह पुरानी बात हो चुकी है। दोनों देशों के संबंध अब बेहतर हैं।
भारत के विदेश सचिव ने कहा कि अहमदीनेजाद की भारत यात्रा से दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों के अवलोकन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। मेनन ने कहा कि इस यात्रा में अफगानिस्तान, इराक, मध्य एशिया जैसे अंतर्राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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