'बुश के कार्यकाल में समझौता लागू होने की उम्मीद कम'
वाशिंगटन, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए में काम कर चुके, दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने कहा है कि भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौता राष्ट्रपति जार्ज बुश के कार्यकाल में लागू होता नहीं दिखता और अब इसके नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में ही पूरा होने की उम्मीद है।
वाशिंगटन, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए में काम कर चुके, दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने कहा है कि भारत-अमेरिका के बीच परमाणु समझौता राष्ट्रपति जार्ज बुश के कार्यकाल में लागू होता नहीं दिखता और अब इसके नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में ही पूरा होने की उम्मीद है।
रिडेल ने अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की परिषद के साथ बातचीत में कहा, "यह समझौता शायद अगली सरकार के आने तक टल जाएगा।"
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में यह समझौता अधिक तेजी से प्रगति करेगा, रिडले ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।
उन्होंने कहा, "यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों के लिए निहायत जरूरी है और इस बात की काफी संभावना है कि नई सरकार इस समझौते के परमाणु अप्रसार वाले बिंदुओं पर अधिक जोर देगी।"
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के लिए काम कर चुके इस विशेषज्ञ का मानना है कि भारत के साथ बेहतर संबंध बुश प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच व्यापार बढ़ रहा है और इससे दोनों देशों को खासा लाभ पहुंचेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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