कारपोरेट जीवनशैली त्यागें लोग: प्रधानमंत्री
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने आज कहा, "कारपोरेट जीवनशैली से परहेज करके कीमतों में कमी लाने में मदद की जा सकती है। हमारे कड़े उपायों का यही अर्थ है। इससे औद्योगिक इकाइयों और उपभोक्ताओं को मदद मिलेगी।"
प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया कि बढ़ती मुद्रा स्फीति से देश के समक्ष तात्कालिक चुनौती पेश आई है। इसे विकास, आय का वितरण और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा का परिणाम बताते हुए उन्होंने स्थाई विकास और उत्पादकता के लिए प्रतिबद्धता की अपील की।
उन्होंने मौजूदा चुनौती से निपटने के लिए कारपोरेट प्रबंधन के दर्शन में परिवर्तन की जरूरत पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "उद्योग और व्यापार जगत को तत्काल मुनाफे की प्रवृत्ति को त्यागना होगा। उन्हें अपनी विकास प्रक्रिया को स्थायित्व और लंबी अवधि के लिए फायदेमंद बनाने की दिशा में मोड़ना होगा।"
अपने पूरे भाषण के दौरान महंगाई पर नियंत्रण के बारे में प्रधानमंत्री का नजरिया आशावादी रहा। उनका मानना है कि सामान्य मानसून से कृषि उत्पादन बढ़ेगा जिससे मांग और आपूर्ति का संतुलन फिर से ठीक हो जाएगा। लेकिन इस चुनौती से निपटने के लिए उन्होंने उद्योग जगत से भी आगे आने की अपील की।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस