आरबीआई ने बैंकों से किसानों को दिए गए कर्ज का ब्यौरा मांगा
मुंबई, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। खाद्यान्न की जमाखोरी के कारण कीमतों में हुई बेतहाशा वृद्धि को गंभीरता से लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कृषि क्षेत्र को दिए गए कर्ज का ब्यौरा मांगा है। केंद्रीय बैंक ने यह कदम कोष वितरण के आकलन के लिए उठाया है।
मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए आरबीआई के गवर्नर वाई.वी. रेड्डी ने कहा कि खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के वैश्विक खाद्य मूल्य सूचकांक के मुताबिक वर्ष 2007 के दौरान खाद्यान्न की कीमतों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह स्थिति वर्ष 2008 की पहली तिमाही में भी जारी रही।
उन्होंने कहा कि बाजार की इस प्रवृत्ति ने विश्व खाद्य भंडार और मुद्रा बाजार को संकट में डाल दिया है और वह पिछले 25 वर्ष के न्यूनतम स्तर पर जा पहुंचा है।
जमाखोरी के बारे में सूचनाओं की जरूरत पर जोर देते हुए रेड्डी ने कहा कि इस वर्ष 25 अप्रैल तक दुनिया भर के बाजारों में गेहूं, मक्का और सोयाबीन की कीमतों में 60 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि खाद्यान्न की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि मांग में हुई वृद्धि के कारण भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि वित्तीय भूमंडलीकरण का आधुनिकीकरण समय की जरूरत बन गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।