मुलायम सरकार के दो और निर्णय हुए निरस्त
लखनऊ , 29 अप्रैल (आईएएनएस)। मायावती सरकार ने मुलायम सरकार के दो और निर्णयों को मंगलवार को निरस्त कर दिया। मायावती सरकार ने वरिष्ठ सपा नेता व पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की बहन के नाम पर बनी शिक्षण संस्था के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया।
इसके साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भूमि आवंटन एवं निर्माण कायरें की जांच के लिए गठित विजय शंकर माथुर आयोग को भी भंग कर दिया।
मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय लिए गए। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को गन्ने के रस से सीधे एथनाल बनाने की भी इजाजत दे दी।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि फुलेश्वरी देवी शिक्षण संस्थान, ग्राम फेफना, बलिया को नौबस्ता कला, लखनऊ में सात दिसंबर, 2006 में महाविद्यालय बनाने के लिए 2़25 हेक्टेयर भूमि दी गई थी। इस मामले में शिकायतें प्राप्त होने पर इसकी जांच लखनऊ के मण्डलायुक्त से कराई गई।
मण्डलायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में भूमि अधिग्रहण को गलत पाते हुए इस अधिग्रहण को निरस्त कर दिया और इसे वापस ग्राम समाज को देने की संस्तुति की। इसी आधार पर सरकार ने इसे रद्द कर दिया।
एक अन्य फैसले में सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भूमि आवंटन में हुई गड़बड़ियों और निर्माण कायरें में धांधली के लिए गठित विजय शंकर माथुर जांच आयोग को भंग कर दिया। विदित है कि विजय शंकर माथुर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं और उन्हें मुलायम सिंह सरकार ने 25 जनवरी, 2004 को जांच सौंपी थी। तीन साल तीन महीने बीत जाने के बावजूद उन्होंने जांच रिपोर्ट नहीं सौपी।
गौरतलब है कि इस जांच के दायरे में अप्पू घर और ताज एक्सप्रेस वे भी शामिल थे। प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रमण्डल खेल होने हैं और नोएडा में पर्यटकों को भी आकर्षित किया जाना है। जांच आयोग की रिपोर्ट न आने से विकास कार्य भी प्रभावित हो रहे थे। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस आयोग को भंग करने का निर्णय लिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।