इसरो ने उपग्रह प्रक्षेपण क्षेत्र में रचा इतिहास (लीड-1)
श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश), 28 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने आज उपग्रह प्रक्षेपण क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-9 आज दस उपग्रहों के साथ सफलतापूर्वक प्रक्षेपित कर दिया गया। प्रक्षेपण यान के सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के प्रमुख जी. माधवन नायर ने कहा कि भारत अगले सात वर्षो के भीतर मानव को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता हासिल कर लेगा।
दस उपग्रहों को ले जाने वाले पीएसएलवी सी-9 प्रक्षेपण यान के सफल प्रक्षेपण के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए इसरो प्रमुख जी. माधवन नायर ने कहा, "सरकार ने मानव को अंतरिक्ष में भेजने की परियोजना में पहले ही 95 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करा दी है। हमने भी इस बारे में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है।"
माधवन ने कहा कि अभी तक केवल अमेरिका, रूस और चीन के पास यह क्षमता हासिल है। अंतरिक्ष की इस दौड़ में हम भी पीछे नहीं रहना चाहते। उन्होंने कहा कि इसरो के इस मानव अभियान में अधिक शक्तिशाली प्रक्षेपण यान भू समकालिक प्रक्षेपण यान (जियो सिंक्रोनस लांच वेहिकल) का प्रयोग किया जाएगा।
'पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल' (पीएसएलवी) सी-9 नामक प्रक्षेपण यान का सफल प्रक्षेपण आज सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। इसके सफल प्रक्षेपण के बाद नायर ने कहा, "यह इसरो की टीम के लिए एक यादगार क्षण है। यान ने बिना किसी समस्या के सभी उपग्रहों को उनकी सुनिश्चित कक्षा में स्थापित किया।" अभियान के निदेशक जार्ज कोशी ने कहा, "इस अभियान की सफलता ने महत्वाकांक्षी चंद्रयान परियोजना के लिए हमारे ऊपर और अधिक जिम्मेदारी डाल दी है।"
इस संबंध में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक के. राधाकृष्णन ने कहा, "इस अभियान से पहले हमें विभिन्न जटिल प्रक्रियाओं को समझना होगा। इनमें क्रू माड्यूल और आपातकालीन निकासी व्यवस्था आदि शामिल हैं।"
गौरतलब है कि उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी सी-9 के साथ जिन उपग्रहों को भेजा गया उसमें दो भारतीय और आठ विदेशी उपग्रह शामिल थे। भेजे गए भारतीय उपग्रहों में एक कैटरोसेट-2 ए रिमोट सेंसिंग उपग्रह और एक छोटा उपग्रह शामिल है। इनके अलावा आठ अत्यंत सूक्ष्म विदेशी उपग्रह 'नैनो सैटेलाइट' भी अंतरिक्ष में भेजे गए हैं।
इसरो द्वारा इस वर्ष किया गया यह दूसरा सफल प्रक्षेपण है। इससे पहले जनवरी में उसने इजरायल के एक उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।