विश्च बाजार में मजबूत हो रही हैं भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियां
हनोवर (जर्मनी), 28 अप्रैल (आईएएनएस)। हाल ही में हनोवर में लगी विश्व औद्योगिक प्रदर्शनी में भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियों को मिली अच्छी प्रतिक्रिया ने इस बात की संभावना को मजबूत किया है कि भारतीय कंपनियां इस क्षेत्र में विश्व की श्रेष्ठ कंपनियों को चुनौती दे सकती हैं। ये कंपनियां उप ठेका व्यवसाय के माध्यम से अपने आप को स्थापित कर सकती हैं।
हनोवर (जर्मनी), 28 अप्रैल (आईएएनएस)। हाल ही में हनोवर में लगी विश्व औद्योगिक प्रदर्शनी में भारतीय इंजीनियरिंग कंपनियों को मिली अच्छी प्रतिक्रिया ने इस बात की संभावना को मजबूत किया है कि भारतीय कंपनियां इस क्षेत्र में विश्व की श्रेष्ठ कंपनियों को चुनौती दे सकती हैं। ये कंपनियां उप ठेका व्यवसाय के माध्यम से अपने आप को स्थापित कर सकती हैं।
पिछले सप्ताह समाप्त हुई इस प्रदर्शनी में भारत की 148 कंपनियों ने अपने विविध उत्पादों और विनिर्माण से जुड़ी सेवाओं का प्रदर्शन किया।
हैदराबाद की 'पिट्टी लेबोरेटरीज लिमिटेड' नामक कंपनी के निर्यात निदेशक अक्षय पिट्टी अपनी कंपनी के बाहरी व्यापार को लेकर बहुत अधिक आशावादी दिखाई दिये।
पिट्टी लेबोरेटरीज विद्युत जनरेटरों, मोटरों तथा अन्य उपकरणों के लिए लेमिनेशन का काम करती है। सात करोड़ डालर के सालाना कारोबार वाली इस कंपनी का 40 फीसदी हिस्सा निर्यात से ही आता है और इसके कई प्रमुख ग्राहक विकसित देशों में हैं।
पुणे की 'इंवाल्युट टेक्न ोलाजीस प्राइवेट लिमिटेड' के निदेशक अनिल खरवाडकर ने आईएएनएस से कहा,"पश्चिमी कंपनियों द्वारा अपने काम के लिए उप ठेका देने का चलन बढ़ रहा है और यह भारतीय कंपनियों के लिए लाभप्रद साबित हो सकता है। "
इस प्रदर्शनी में भारतीय भागीदारी की महत्ता को इस बात से समझा जा सकता है कि प्रदर्शनी का आयोजन करने वाली संस्था 'डसेस मेस्से एजी' भारत में भी अपनी चार प्रदर्शनियां लगा रही है।
कंपनी के निदेशक एलेक्सेंडर कुएह्न्ेल ने आईएएनएस से कहा, "भारत में उत्पादन लागत कम है लेकिन वहां उच्च गुणवत्ता वाली चीजों का निर्माण होता है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।